अमेठीः संजय गांधी अस्पताल में इलाज के दौरान हुई महिला की मौत का मामला शांत होने का नाम नही ले रहा है. ग्रामीणों के साथ परिजनों ने अस्पताल गेट पर शव रख कर प्रदर्शन किया. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों ने जिला प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाया है. वहीं, मुंशीगंज थाने में परिजनों की तहरीर पर CEO समेत 3 डाक्टरों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस मामले में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं.
पीड़ित परिजनों के मुताबिक, जिले मुसाफिर खाना क्षेत्र के रामशाहपुर गांव के रहने वाले अनुज शुक्ल की पत्नी दिव्या शुक्ला को पित्त की थैली में पथरी थी. शुक्रवार को परिजनों ने दिव्या को मुंशीगंज के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया. यहां शनिवार को डॉक्टर ऑपरेशन के लिए ओटी में लेकर गए. ऑपरेशन के पहले महिला को एनेस्थीसिया का डोज दिया गया. जिसके बाद वह कोमा में चली गई. परिजनों के मुताबिक देर रात करीब दो बजे अस्पताल प्रशासन ने महिला को लखनऊ रेफर कर दिया. महिला को लेकर परिजन मेंदान्ता हॉस्पिटल लखनऊ पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. देर शाम पीएम के बाद शाम शव घर पहुंचा.
मृतका के पति अनुज शुक्ल ने कहा कि पथरी के ऑपरेशन के लिए अस्पताल में तैनात डॉक्टर को दिखाया गया था. जहां काफी जांच के बाद ऑपरेशन करने की बात बताई गई. ऑपरेशन के पहले उसकी पत्नी को एनेस्थीसिया का ओवरडोज दिया गया. इससे उसकी मौत हो गई. पीएम के बाद देर शाम परिवारीजनों ने दिव्या का शव लेकर रामशाहपुर गाव में पहुंचे. इसके बाद बड़ी संख्या में परिजन मुंशीगंज स्थित अस्पताल के गेट पर शव रखकर परिवारीजनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. वही अस्पताल के ट्रस्टी व प्रसाशन के सामने परिवारीजनों ने पांच मागें रखीं. परिवारीजनों ने मांग पत्र सीओ गौरीगंज मयंक द्विवेदी को दिया. देर रात्रि तक परिवारीजन अस्पताल गेट पर शव रखकर बैठे रहे. इस दौरान कई थानों की पुलिस व पीएसी बल तैनात रही.