अमेठी :भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को प्रत्याशियों की नई सूची जारी की. इसमें अमेठी की तिलोई विधानसभा सीट से राजा मयंकेश्वर शरण सिंह को और जगदीशपुर से राज्यमंत्री सुरेश पासी को प्रत्याशी घोषित किया गया है. प्रत्याशियों की घोषणा होते ही क्षेत्र में राज्यमंत्री सुरेश पासी के खिलाफ विरोधियों ने मोर्चा खोल दिया है. सोशल मीडिया से लेकर गांव के गलियारों तक मंत्री के विरोध में स्वर मुखर हो रहे है.
मंत्री सुरेश पासी के विरोध का कांग्रेस को मिल सकता है फायदा, जानें क्या है मामला जगदीशपुर विधानसभा सीट से भाजपा ने एक बार फिर सुरेश पासी पर दांव लगाया है. भाजपा इस सीट पर दोबारा कमल खिलाना चाहती है. वहीं, भाजपा समर्थको राज्यमंत्री सुरेश पासी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विगत दिनों राज्यमंत्री को कई गांवों में विरोध झेलना पड़ा था. वहीं, अब टिकट घोषित होने के बाद भाजपा समर्थक लोगों ने सोशल मीडिया पर सुरेश पासी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
मंत्री सुरेश पासी के विरोध का कांग्रेस को मिल सकता है फायदा, विधान क्षेत्र के एक गांव में कुछ लोग लामबंद होकर सुरेश पासी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. वहीं, सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपनी आस्था भी जता रहे हैं. इसकी वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही है. इसके अलावा फेसबुक पर ऐसी तमाम पोस्ट देखी जा सकती हैं जिनमें राज्यमंत्री के खिलाफ लोग मोर्चा खोले हुए हैं.
मोदी लहर में जीते थे सुरेश पासी
अमेठी जिले की जगदीशपुर विधानसभा में भाजपा को इस बार अपनी सीट बचाने की चुनौती है. वहीं, कांग्रेस ने अपना गढ़ वापस पाने के लिए विजय पासी को प्रत्याशी बनाया है. इस सीट पर 2002 से 2012 तक लगातार कांग्रेस का कब्जा रहा. 2017 में भाजपा ने कांग्रेस के किले को भेद दिया. यहां भाजपा के सुरेश पासी ने कांग्रेस के राधेश्याम को 16600 वोट से हरा दिया था. कांग्रेस के किले को ढहाने के एवज में भाजपा ने सुरेश पासी को राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया.
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2012 में सपा के सिंबल पर विजय पासी ने लड़ा था चुनाव
2022 में कांग्रेस ने विजय पासी को प्रत्याशी बनाया है. वह 2012 में सपा के सिंबल पर चुनाव लड़े थे और कांग्रेस के राधेश्याम से शिकस्त खा गए थे. इतने विरोध के बावजूद भी बीजेपी ने मंत्री सुरेश पासी को मैदान में उतार दिया हैं. फिलहाल क्षेत्र में उनका खासा विरोध है. खासकर उन पर बाजार शुकुल, जगदीशपुर, जामो थाने में करीब 600 एससी-एसटी के फर्जी मुकदमें दर्ज कराने का आरोप है. इसकी लिस्ट वायरल हो रही है.
कांग्रेस का गढ़ रही जगदीशपुर सीट
जगदीशपुर सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. भाजपा को पहली बार 2017 के मोदी लहर में सफलता मिली. इस सीट पर कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 9 बार जीत हासिल की है. 1962 में पहले ही चुनाव में कांग्रेस यहां काबिज हो गयी और इंद्रपाल सिंह विधायक बने.
इसके बाद 1974 में कांग्रेस के राम सेवक धोबी विधायक बने. फिर 1980, 1985, 1989 और 1991 में रामसेवक लगातार चार बार विधायक रहे. इसके बाद 2002 और 2007 में भी रामसेवक ने यहां कांग्रेस का परचम लहराया. कांग्रेस के पहले रामसेवक 1967 और 1969 में जनसंघ के टिकट पर विधायक बने थे. 2012 में भी यहां से कांग्रेस के राधेश्याम विधायक बने.
मंत्री सुरेश पासी के विरोध का कांग्रेस को मिल सकता है फायदा, बसपा का नहीं खुला खाता, सपा को एक बार मिला मौका
जगदीशपुर सीट बहुजन समाज पार्टी कभी जीत नहीं सकी. सिर्फ 2007 के चुनाव में बसपा प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे थे. वहीं सपा ने 1993 में इस सीट पर पहली बार कब्जा किया. इस दौरान वहां नन्दलाल विधायक बने थे. वहीं, इस सीट पर बीजेपी ने पहली जीत 1996 में दर्ज की थी. तब इस सीट से रामलखन विधायक बने थे. वर्तमान में भाजपा के ही सुरेश कुमार यहां से विधायक हैं. 1977 में जनता पार्टी के राम फेर कोरी यहां से विधानसभा जा चुके हैं.