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विश्व स्तनपान दिवस, अच्छा और संपूर्ण आहार होता है मां का दूध: डॉ आरएम श्रीवास्तव

यूपी के अमेठी में विश्व स्तनपान दिवस मनाया गया. इस मौके पर छात्राओं ने दो किमी की मानव श्रृंखला बनाई. वहीं ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी आरएम श्रीवास्तव ने बताया कि इस दिवस का मुख्य उद्देश्य माताओं को जागरूक करना है.

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Published : Aug 8, 2019, 12:46 PM IST

मानव श्रृंखला बनाकर स्तनपान दिवस मनाया गया.

अमेठी:जिला मुख्यालय गौरीगंज स्थित कलेक्ट्रेट आवास पर विश्व स्तनपान दिवस मनाया गया. इस मौके पर छात्राओं ने दो किमी की मानव श्रृंखला बनाई. श्रृंखला में इण्टरमीडिएट कॉलेज की छात्राओं के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता शामिल रहीं. इस दौरान डॉ सीमा मिश्रा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि मां का दूध बच्चों के लिए बहुत गुणकारी होता है. आज हमारी पीढ़ी भटकाव की स्थिति में है तो फिर से जागरूक करने के लिए यह विश्व स्तनपान दिवस मनाया जा रहा है.

विश्व स्तनपान दिवस मनाया गया

  • विश्व स्तनपान सप्ताह प्रत्येक वर्ष अगस्त माह के पहले सप्ताह तक मनाया जाता है.
  • स्तनपान सप्ताह का उद्देश्य महिलाओं को स्तनपान और कार्य को दृढ़तापूर्वक एक साथ करने का समर्थन देता है.
  • इसका उद्देश्य कामकाजी महिलाओं को उनके स्तनपान संबंधी अधिकार के प्रति जागरूक करना है.

डब्ल्यूएचओ की सिफारिश के अनुसार नवजात शिशु के लिए पीला गाढ़ा मां का दूध कोलेस्ट्रम संपूर्ण आहार होता है. जिससे बच्चे के जन्म के तुरंत बाद एक घंटे के भीतर ही शुरू कर देना चाहिए. सामान्य बच्चे को छह महीने की अवस्था तक स्तनपान कराया जाता है. स्तनपान कराने से मां और शिशु दोनों को फायदा होता है.

मानव श्रृंखला बनाकर स्तनपान दिवस मनाया गया.

स्तनपान से शिशु को होने वाले फायदे

  • अच्छा और संपूर्ण आहार होता है मां का दूध.
  • दूध में पाए जाने वाला कोलेस्ट्रम शिशु को प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है.
  • शिशु को रोगों से बचाता है.
  • शिशु की वृद्धि अच्छे से होती है.

माताओं और जनता को जागरूक करना है कि जन्म के तुरंत बाद बच्चों को मां का दूध पिलाया जाए. तुरंत दूध पिलाने से बच्चों में बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है. मां के दूध में हीमोग्लोबिन होता है जिससे संक्रमण से बचाव किया जाता है. मां का दूध पोषक पदार्थों से भरा हुआ है. साथ ही मां का दूध बच्चों को छह माह तक पिलाना चाहिए. छह माह के बाद बच्चों को मां के दूध के साथ-साथ पोषक आहार ही देना चाहिए.
-आरएम श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्साधिकारी

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