अंबेडकरनगर: प्रधानमंत्री के ड्रीम योजना स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों में शौचालयों के निर्माण का कार्य अधिकारियों और कर्मचारियों के मनमानी की भेंट चढ़ रहा है. पहली किस्त के रूप में 6 हजार रुपये मिलने के बाद लाभार्थी अब कई माह से दूसरी किस्त के लिए भटक रहे हैं. पैसा न मिलने के कारण शौचालयों के निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है.
मामला बसखारी विकास खण्ड के ग्राम पंचायत देवहट का है. जहां पर शौचालयों के निर्माण के लिए कुछ लाभार्थियों को पूरा पैसा तो कुछ को आधा ही दिया गया है. वैसे तो सरकार एक शौचालय के निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि के रूप में 12 हजार रुपये देती है. यहां अधिकांश लोगों को तकरीबन 8 माह पहले पहली किस्त के रूप में 6 हजार रुपया दिया गया.