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ओडीएफ के सरकारी दावे को आईना दिखा रही है गांवों की ये तस्वीर - pm modi

अंबेडकर नगर को प्रशासन ने जिले को खुले में शौच मुक्त करने यानि कि ओडीएफ घोषित तो कर दिया है लेकिन जमीनी धरातल पर मामला एकदम उल्टा है. कहीं शौचालय के नाम पर पैसों का बंदरबांट हुआ है तो कहीं केवल गड्डे खोद कर छोड़ दिए गए हैं.

ओडीएफ

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Published : Feb 27, 2019, 1:59 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

अंबेडकर नगर : सरकार जिले को खुले में शौच मुक्त करने यानि कि ओडीएफ घोषित कर खूब वाह-वाही बटोर रही है, लेकिन गांवों की जो जमीनी हकीकत है वो सरकार के दावों को कटघरे में खड़ा करती है. ग्रामीण इलाकों में आज भी गरीब आबादी खुले में शौच के लिए जा रही है ,जो शौचालय बने हैं उनमें से अधिकांश पर भ्रष्टाचार की ऐसी छाया लगी है या तो उनका निर्माण अधूरा है या फिर बगैर निर्माण के ही पैसों का बंदरबाट हो गया है. ऐसे में लोग खुले में ही शौच जाने को विवश हैं.

देखें विशेष रिपोर्ट.
स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार की यह प्राथमिकता है कि लोगों को शौचालय उपलब्ध करा कर खुले में शौच मुक्त किया जाय और इसके तहत अबतक जिले में कुल 1लाख 60 हजार 781 शौचालय का निर्माण हो चुका है. 2012 में हुए वेस लाइन सर्वे के आधार पर जिले को ओडीएफ घोषित तो कर दिया गया है लेकिन अब भी 69288 शौचालयों की और जरूरत है जिसके लिए शासन ने 15 करोड़ की धनराशि जारी की है. इससे तकरीबन 12499 शौचालयों का निर्माण होना है.सरकार के ओडीएफ के दावे कासच परखने के लिए हमने जब गांवो में जाकर तस्दीक किया तो सच सामने आ गया. कहीं शौचालय पर छत नहीं है तो कहीं सीट या फिर गड्ढे ही नहीं बने हैं. ग्रामीण सन्तराम का साफ तौर पर कहना है कि शौचालय का निर्माण ग्राम प्रधान ने करवाया जो इतना खराब बना है कि उसका प्रयोग करने से हम डरते हैं और खुले में ही शौच जाते हैं. वहीं कुछ ग्रामीणों का कहना है कि शौचालय के लिए पैसा आया था.प्रधान ने लिया और बनवाया नहीं. वहीं इस बारे में डीपीआरओ राम आशीष चौधरी का कहना है कि बेस लाइन सर्वे 2012 के अनुसार जिले को ओडीएफ घोषित किया गया है ओडीएफ के बाद 69288 शौचालयों की और जरूत है जिसके निर्माण का कार्य चल रहा है.
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

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