अंबेडकरनगर : जिले के खाद्य एवं रसद विभाग में करोड़ों रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है. गत सत्र में खरीदे गए धान को क्रय केंद्रों से राइस मिलों तक पहुंचाने में अधिकारियों ने जिस गाड़ी का प्रयोग किया उसमें मोटर साइकिल, ई-रिक्शा जैसे वाहन शामिल हैं. अधिकारियों द्वारा सौंपे गए वाहन नंबरों रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है. मामला सामने आने के बाद अब इसमें करोड़ों रुपये के घोटाले की आशंका जताई जा रही है.
अम्बेडकरनगर: धान के ट्रांसपोर्ट में करोड़ों के घोटाले की आशंका, जांच शुरू
अंबेडकरनगर जिले के खाद्य एवं रसद विभाग में करोड़ों रुपये के धन गबन का मामला सामने आया है. अधिकारियों ने धान की ढुलाई के भुगतान लिए जिन वाहन नम्बरों का प्रयोग किया है उसमें कई मोटरसाइकिल और ई रिक्शा के नम्बर भी शामिल हैं.
क्या है पूरा मामला
मामला धान खरीद सत्र 2019 और 2020 से जुड़ा है. क्रय केंद्रों पर किसानों से धान की खरीद करने के बाद उसे केंद्र प्रभारियों द्वारा राइस मिलों को भेजा जाता है. इसके लिए शासन ट्रांसपोर्ट का ठेका कराती है. इसी धान ढुलाई के भाड़े के नाम पर अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलकर सरकार को करोड़ों घोटाला किया है. खाद्य एवं रसद विभाग ने अपनी बेबसाइट पर धान की ढुलाई के लिए जिन वाहन नम्बरों का प्रयोग किया है, उनमें कुछ नम्बर फर्जी हैं तो कुछ मोटरसाइकिल और ई रिक्शा के हैं. यही नहीं विभाग ने टेम्पो और सवारी ढोने वाली मैजिक वाहन से भी धान को यहां से वहां कर दिया.
इस काम में किसी वाहन ने 48 चक्कर लगाया है तो कोई 40 और 50. विभाग में फैले भ्रष्टाचार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक ही दिन में एक ही ट्रक से 17 चक्कर धान की ढुलाई दिखाई गई है. जनपद निवासी धनीराम यादव ने इन तथ्यों का जिक्र करते हुए विभाग पर 60 करोड़ के गबन का आरोप लगाकर आयुक्त खाद्य एवं रसद विभाग से शिकायत भी की है. जिसकी जांच भी चल रही है, वाहनों के फर्जी नम्बरों की बात डिप्टी आर एम ओ भी स्वीकार कर रहे हैं.
वहीं इस मामले में जिला खाद्य विपणन अधिकारी अजीत का कहना है कि आरोप संज्ञान में आने के बाद मामले की जांच की जा रही है. कुछ वाहनों के नम्बर फर्जी हैं, लेकिन ये फीडिंग के समय लिपकीय त्रुटि के कारण हुआ है.