अम्बेडकर नगर: जिले के भीटी तहसील क्षेत्र घरवासपुर निवासी इन्द्रजीत यादव 18 ग्रेनेडियर बटालियन के सैनिक थे. इन्द्रजीत बताते हैं कि उनकी सैनिक टुकड़ी को बटालिक ग्रास सेंटर में तोलोलिंग पहाड़ी के प्वाइंट 5140 पर कब्जा करना था, जिसकी ऊंचाई 12 हजार फीट से अधिक है.
नीचे बर्फ और ऊपर दुश्मन-
इन्द्रजीत के मुताबिक उनकी सैन्य टुकड़ी ने इस पहाड़ी पर कब्जा करने के लिए कई बार आक्रमण किया, लेकिन अधिक ऊंचाई, नीचे बर्फ और ऊपर बंकरो में बैठे दुश्मनों द्वारा की जा रही गोलीबारी से सफलता नहीं मिल पाती थी.
हमला कर किया बंकरों को ध्वस्त-
इंद्रजीत बताते हैं कि रात में चढ़ाई करते थे, लेकिन अधिक बर्फ होने के कारण फिसलकर फिर नीचे आ जाते. जब हमें बोफोर्स तोप का साथ मिला तो उससे हम लोगों ने पहाड़ी पर हमला किया और ऊपर बने बंकरों को ध्वस्त कर उस पर कब्जा किया.
कारगिल युद्ध के अनुभव को ईटीवी भारत से सांझा करते पूर्व सैनिक इन्द्रजीत यादव. 26 जवानों ने दीप्राणों की आहुति-
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस जंग में हमारे 26 जवान शहीद हो गए. जबकि 46 जवान घायल हो गए. घायलों में इन्द्रजीत यादव भी शामिल थे. जो अब रिटायर होने के बाद इंडोगल्फ फर्टिलाइजर कम्पनी जगदीशपुर अमेठी में ट्रांसपोर्ट इंचार्ज के पद पर नौकरी कर रहे हैं.
सैनिक ने बयां किया दर्द-
- इन्द्रजीत ने कहा कि जब वह कारगिल विजय के बाद घर आए तो पूरा प्रशासनिक अमला उनसे मिलने आया और जीत की बधाई दी.
- इस दौरान उनके गांव तक तकरीबन एक किमी. चकरोड को पक्की सड़क बनाने का तत्कालीन डीएम ने आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक वह सड़क नहीं बनी. आज भी कीचड़ों से ही होकर गुजरना पड़ता है.
- हल्की सी बरसात होने पर गाड़ी लेकर जाना मुश्किल है, इन सबके बावजूद इन्द्रजीत में हौसलों की कोई कमी नहीं है और वे अब अपने बेटों को भी फौज में भेजना चाहते हैं.
जब बात देश की अपने फर्ज की हो तो हमें परिवार याद नहीं आता. सिर्फ देश और दुश्मन निगाहों में होता है.
इन्द्रजीत यादव, पूर्व सैनिक, 18 ग्रेनेडियर बटालियन