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Lockdown Effect: आम-नमक खाकर जिंदा रहने को मजबूर प्रवासी मजदूर - कोविड-19

महाराष्ट्र से यूपी के आजमगढ़ जा रहे प्रवासी मजदूरों ने यूपी सरकार पर आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि जब से वे यूपी के बॉर्डर में घुसे हैं तब से उन्हें खाने को कुछ नहीं मिला है और वे रास्ते में आम-नमक खाने को मजबूर हैं. प्रवासी मजदूरों का आरोप है कि यूपी में प्रशासन ने उनके लिए कोई व्यवस्था का इंतजाम नहीं किया है.

प्रवासी मजदूर.
प्रवासी मजदूर.

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Published : May 11, 2020, 12:52 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

अंबेडकर नगर:कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन को डेढ़ महीने से अधिक का समय बीत चुका है. इस दौरान सबसे ज्यादा परेशानी प्रवासी मजदूरों को उठानी पड़ रही है. लॉकडाउन में सरकार प्रवासी मजदूरों को स्पेशल ट्रेन से उनके घर पहुंचा रही है, लेकिन मजदूरों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है.

अपनी परेशानियों को बताते प्रवासी मजदूर.

महाराष्ट्र से यूपी के आजमगढ़ जा रहे मजदूरों ने यूपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है. उनका कहना है कि यूपी सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए कोई व्यवस्था का इंतजाम नहीं किया है. जब से वे लोग यूपी के बॉर्डर में घुसे हैं तब से उन्हें खाने के लिए कुछ नहीं मिला है और रास्ते में मजबूरन आम और नमक खाकर सफर तय कर रहे हैं.

अकबरपुर बस स्टॉप के पास खड़े प्रवासी मजदूरों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन के चलते वे बेरोजगार हो गए और मजबूरन उन्हें वापस घर लौटाना पड़ा. उन्होंने बताया कि जब से वे यूपी में पहुंचे हैं, तब से उन्हें खाने को कुछ नहीं मिला है. इस बीच उन्होंने आम-नमक खाकर उनकी भूख मिटाई है. प्रशासन के ऐसे रवैये से वे (मजदूर) बहुत नाराज हैं.

महाराष्ट्र से चलकर अंबेडकर नगर पहुंचे मजदूरों को आजमगढ़ जाना है. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में उन्हें खाने-पीने की समस्या हुई तो उन्होंने वापस उनके घर (आजमगढ़) लौटाना सही समझा.

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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

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