अम्बेडकरनगर: वर्ष 2007 में बसपा सरकार बनने के बाद तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा और वित्त मंत्री लालजी वर्मा के प्रयास से टाण्डा के सद्दर पुर गाँव मे महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कालेज की स्थापना हुई थी. 2009 से ओपीडी का संचालन शुरू हो गया और आज प्रतिदिन तकरीबन दो हजार से अधिक मरीज़ों की ओपीडी हो रही है. शुरुआती दौर में यहाँ ट्रामा बनने का प्रस्ताव था. 2012 में सत्ता परिवर्तन होने के साथ ही सारी योजना लटक गई और तब से अब तक ट्रामा फाइलों में ही धूल फांक रही है.
ट्रामा के लिए तरस रहा मेडिकल कॉलेज, लोगों में छाई निराशा - उत्तर प्रदेश
अम्बेडकरनगर: राजकीय मेडिकल कॉलेज अभी तक देख रहा है ट्रामा बनने की राह. योगी सरकार का बजट आने के बावजूद यहां के मरीज़ों का नहीं हो रहा ढंग से इलाज.
ट्रामा न होने के कारण गंभीर रूप से घायल, सर्प दंश आदि मरीजों का इलाज नहीं किया जाता. ऐसे में लखनऊ और बनारस जाने में काफी समय लगता है. इससे समय से इलाज न होने से कइयों की मौत भी हो जाती है. राजनीतिक भेदभाव का दंश झेल रहे इस कॉलेज को इस बार भी निराश होना पड़ा. वर्ष 2017 के विधान सभा चुनाव में जब प्रदेश की हुकूमत बदली और भाजपा सरकार के गठन के साथ साथ टाण्डा से भाजपा का विधायक चुना गया तो लोगों में यह उम्मीद जगी कि अब मेडिकल कॉलेज की तकदीर बदलेगी.
अब लोक सभा चुनाव नजदीक है और योगी सरकार के बजट पेश करने पर जिले के लोगों को यह आस थी कि इस बार यहाँ ट्रामा जरूर बनेगा. लोगों का कहना है कि इस बजट से हमें बहुत उम्मीद थी लेकिन निराशा ही मिली. यहां के लोगों का यह भी कहना है कि सरकार भेदभाव कर रही है. ट्रामा न बनने से लोगों की निगाहें निराशा से भरी है.