अम्बेडकरनगर: प्रदर रोग (leukorrhea) महिलाओं में होने वाली आम समस्या है, लेकिन इसकी वजह से महिलाओं में बांझपन की समस्या बढ़ रही है. लेकिन थोड़ी सी सावधानी और सतर्कता बरतने से इस गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है. मेडिकल कॉलेज की वरिष्ठ महिला चिकित्सक डॉ. नूपुर पांडे ने ईटीवी भारत से बातचीत में इस बीमारी पर प्रकाश डाला है.
ल्यूकेरिया से बढ़ रही बांझपन की समस्या, इन बातों का रखें ध्यान - ambedkarnagar hindi news
प्रदर रोग (leukorrhea) की वजह से महिलाओं में बांझपन की समस्या बढ़ रही है. थोड़ी सी सावधानी और सतर्कता बरतने से इस गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है. अम्बेडकरनगर जिले की महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज की वरिष्ठ महिला चिकित्सक डॉ. नूपुर पांडे ने इस बीमारी से बचने के उपाय बताए हैं...
प्रदर रोग के लक्षण, बचाव के उपाय
महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल में तैनात वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नूपुर पांडे का कहना है कि प्रदर रोग किसी भी उम्र में हो सकता है. यह 13 से 14 वर्ष की किशोरियों से लेकर 50 से 55 साल की वृद्ध महिलाओं तक में भी हो सकता है. 30 से 40 प्रतिशत केस में यह सामान्य होता है एवं हारमोंस के उतार-चढ़ाव की वजह से गुप्तांग से सफेद स्राव दिखाई देता है. 60 से 70 प्रतिशत केस में इसका कारण किसी जीवाणु का संक्रमण होता है. ऐसी स्थिति में गुप्तांग से पीला बदबूदार स्राव होता है एवं अत्यधिक खुजली, जलन होती है. इस स्थिति में मरीज को तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए तथा इलाज कराना चाहिए. उचित समय पर इलाज न मिलने पर यह बांझपन, बच्चेदानी में मवाद एवं सर्वाइकल कैंसर का कारण भी बन सकता है.
टेबलेट और इंजेक्शन से है इलाज संभव
डॉ. पांडे का कहना है कि डॉक्टर की सलाह से उचित एंटीबायोटिक का प्रयोग, टेबलेट या इंजेक्शन द्वारा इसका इलाज संभव है. पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखकर इस बीमारी से आसानी से बचा जा सकता है तथा इससे भविष्य में होने वाले गंभीर रोगों को भी टाला जा सकता है.