अंकल ! सब कह रहे हैं कि बहुत से लोग भूखे हैं ,उन्हें खाना नही मिल रहा है ,बिना कुछ खाये ही सो जा रहे हैं ,ये लो मेरे गुल्लक के पैसे इससे लोगों को खाना खिला देना.
कोरोना संकट में मासूम बच्ची ने भूखे गरीबों के लिए दान किये अपने गुल्लक के पैसे - भारत में लॉक डाउन का प्रभाव
छह साल की मासूम बच्ची को हुई भूखे से बेहाल गरीब परिवारों की चिंता. ऐसे में आगे बढ़कर मासूम तहरीन ने अपनी गुल्लक में जमा किए साढ़े चार हजार रुपये पुलिस कर्मियों को सौंप दिये और कहा अंकल इन पैसों से गरीबों को खाना खिला देना. कोरोना संकट की वजह से किए गए लॉक डाउन के इस कठिन समय में कई लोगों के काम धंधे बंद हो गए हैं जिसकी वजह से उनके सामने भूखों मरने के हालात पैदा हो गए हैं. कोरोना संकट में मासूम बच्ची को हुई भूख से बेहाल गरीबों की चिंता
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अम्बेडकरनगर:ये कह रही है अकबरपुर की रहने वाली मासूम तहरीन. कोरोना संकट के इस दौर में तहरीन उन लोगों के लिए चिंतित है जो रोज कमा खा रहे थे लेकिन लॉक डाउन की वजह से उनकी कमाई बंद हो चुकी है और उनलोगों के परिवार भूखों मरने की कगार पर हैं. मासूम तहरीन ने पुलिस इंस्पेक्टर को अपनी बचत के पैसे दे दिए. इस मासूम की दरियादिली कई लोगों के लिए प्रेरणा बन गई और उसकी मासूमियत ने कई दिलों को सेवा और करूणा से भर दिया.
कोरोना को लेकर सरकार ने लॉक डाउन किया तो कई परिवारों के सामने अपना और बच्चों का पेट भरने की समस्या आ खड़ी हुई. ये वे परिवार हैं जो दिन भर मजदूरी करते और शाम को राशन खरीद लाते. लॉक डाउन हुआ तो काम बंद हो गया. तमाम सामाजिक संस्थाएं और प्रशासन इन्हें भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है लेकिन इन सबके बीच मासूम तहरीन की एक नन्ही सी कोशिश ने आंखों में आंसू भर दिए. तहरीन अपनी गुल्लक लेकर निकली और पुलिस कर्मियों को पैसे देते हुए बोली अंकल इन पैसों से गरीबों को खाना खिला दो. तहरीन ने पुलिस को 4500 रुपये दिए. बच्ची के इस कार्य को देख पुलिस वाले भी दंग रह गए,