अम्बेडकरनगर: उत्तर भारत में मानसून सक्रिय है. लगातार हो रही तेज बारिश ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं. खेतों में जलभराव होने के कारण जमीन दलदल हो गयी है, जिसकी वजह से खेतों की जुताई में मुश्किलें आ रही हैं. वहीं धान की रोपाई के लिए किसान अपनी जान जोखिम में डाल खेतों की जुताई कर रहे हैं. अन्नदाता दूसरों का पेट भरने के लिए भूखे प्यासे खेतों में खुद को खपा रहे हैं.
अम्बेडकरनगरः भारी बारिश ने बढ़ाई किसानों की मुश्किलें - farmers trabould from rain
उत्तर भारत में मानसून आने से नदियां उफान पर हैं. वहीं तेज बारिश से किसानों की फसले बर्बाद हो रही हैं. अम्बेडकरनगर में तेज बारिश के कारण धान की रोपाई करने में किसानों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
अमूमन उत्तर भारत में जून के अंत तक मानसून आता है, लेकिन इस बार अनुमान के मुताबिक कुछ पहले ही बारिश शुरू हो गई. इस बार 10 जून से ही झमाझम बारिश शुरू हो गयी थी. समय से पहले आये मानसून ने पहले जहां मेन्था की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया, वहीं धान की रोपाई को लेकर किसानों के सामने मुसीबत खड़ी कर दी है. अत्यधिक बारिश होने से खेतों में जलभराव हो गया है, जिसकी वजह से खेतों की जुताई करते समय कई ट्रैक्टर खेतों में धंस जा रहे हैं.
टाण्डा तहसील के देवहट गांव में खेत की जुताई करते समय पहले एक ट्रैक्टर धंसा, जिसे निकालने में चार ट्रैक्टर और जमीन में धंस गए. भारी संख्या में जुटे ग्रामीणों ने अपनी जान पर खेल कर इन गाड़ियों को बाहर निकाला. ये कोई एक गांव की बात नहीं, जिधर निकलिए वहीं खेत में दो चार ट्रैक्टर धंसे दिख जाएंगे.
किसान राधेश्याम, इरफान, अमर सिंह, अमित कुमार आदि लोगों का कहना है कि बारिश इतनी ज्यादा हो गई कि पहले पानी में डूब कर मेन्था की फसल बर्बाद हो गई. अब खेत इतने दलदल हो गए हैं कि जुताई कर पाना मुश्किल है. ऐसे में धान की रोपाई करना चुनौती है.