अम्बेडकरनगर: भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही अति महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तकनीकी खामियों और जिम्मेदारों की उदासीनता के मकड़जाल में उलझ कर रह गई है. सरकार के बड़े-बड़े दावों के बावजूद किसी किसान को एक किस्त मिली है तो किसी को दो किस्त. हजारों किसान ऐसे हैं, जिन्हें अभी तक एक भी किस्त नसीब नहीं हुई. परेशान किसान कृषि विभाग से लेकर अन्य कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं.
किसानों का कहना है कि उन्हें कार्योलयों में आधारकार्ड या फिर खाता नम्बर गलत होने का हवाला देकर वापस लौटा दिया जाता है. किसान प्रार्थना पत्र लेकर भटक रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है.
1 किस्त प्राप्त किसानों का भी डाटा गलत
जैसे-तैसे कुछ किसानों को दूसरी किस्त तो मिल गई, लेकिन तकरीबन 1 लाख से अधिक किसान ऐसे हैं, जिन्हें अभी तक पहली ही किस्त नहीं मिली. सरकार के बड़े-बड़े दावों के बावजूद किसानों के डाटा फीडिंग में बड़े पैमाने पर खामियां पाई जा रही हैं, जिसको दुरुस्त कराने के लिए किसान सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं. बताया जा रहा है कि अब तक तकरीबन 50 हजार से अधिक किसानों का डाटा ठीक कराया गया है, लेकिन हैरत की बात है कि जिन किसानों को एक किस्त मिली उनका भी डाटा गलत हो गया है.
'कौन सुनेगा हमारी समस्या'
पीएम किसान सम्मान निधि पाने के लिए कृषि विभाग का चक्कर काट रहे किसानों का कहना है कि उन्हें अभी एक भी किस्त का लाभ नहीं मिला है. किसानों का कहना है कि जब वे पता करते हैं तो कोई न कोई कमी बता दी जाती है. कई बार प्रार्थना पत्र दे चुके हैं, लेकिन कोई हल नहीं हो रहा है. यहां कोई हमारी समस्या सुनने वाला भी नहीं हैं.
जिलाधिकारी ने दी जानकारी
डीएम राकेश कुमार का कहना है कि कुछ किसानों को पहली और दूसरी किस्त दी गई, जो कमियां हैं उसे दूर किया जा रहा है.
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