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अम्बेडकर नगर: CAA को समझें या दो वक्त की रोटी की व्यवस्था करें

यूपी के अम्बेडकर नगर में ईटीवी भारत ने सीएए के बारे में आम नागरिकों से पूछा कि वह इस कानून के बारे क्या जानते हैं. आम नागरिकों को सीएए के बारे में कुछ पता ही नहीं है. लोग कह रहे हैं कि दो वक्त की रोटी और बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था करने में कब सुबह से शाम हो जाती है पता ही नहीं चलता.

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जानिए CAA पर क्या है आम जनता का नजरिया.

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Published : Jan 14, 2020, 8:50 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

अम्बेडकर नगर: सीएए को लेकर इस समय चर्चा जोरों पर है. इस कानून को लेकर राजनीतिक दलों में घमासान मचा है. कुछ लोग पक्ष में तो कुछ विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में आम नागरिक इस कानून के बारे में क्या जानते हैं, इस कानून के लाभ-हानि से वे कितना प्रभावित हैं, मजदूर तबके से लेकर छात्र, छोटे दुकानदार और ई रिक्शा चालकों से बात की ज्यादातर लोगों को यह पता ही नहीं है कि CAA है क्या. लोग अपनी रोजी-रोटी में ही उलझे नजर आए और युवा सरकार से कानून को किनारे कर रोजगार की मांग करते नजर आए.

  • सीएए आज देश में ऐसा मुद्दा बन गया है, जिसके आगे बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मूलभूत मुद्दे रसातल में चले गए हैं.
  • राजनीतिक पार्टियां इसे लेकर खूब हौवा मचा रही हैं. कोई इसे देशभक्ति से जोड़ रहा है तो कोई काला कानून बता रहा है.
  • हर कोई इसे आम जनता से जोड़ने का प्रयास कर रहा है.
    जानिए CAA पर क्या है आम जनता का नजरिया.

ऐसे में हमने आम जनता का रुख किया और यह जानने के लिए उनके पास गए कि वे इस कानून के बारे कितना जानते हैं तो सच्चाई देख हम भी दंग रह गए, हमने काफी लोगों से बात की, लेकिन उन्हें भी नहीं पता कि आखिर नागरिकता संशोधन कानून है क्या? कोई कह रहा है टीवी पर सुना था तो कोई कह रहा है कि दो वक्त की रोटी और बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था करने में कब सुबह से शाम हो जाती है. पता ही नहीं चलता तो कानून के बारे में जानने की फुर्सत कहां है. युवा छात्र का कहना है कि कानून के बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन सरकार को रोजगार देने पर ध्यान देना चाहिए.

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सीएए पर आम जनता से बात करने पर यह तो स्पष्ट हो गया कि इस मुद्दे पर राजनीतिक पार्टियां चाहे जितनी राजनीति करें, लेकिन आम नागरिक को अभी इस कानून की असलियत ही ठीक तरीके से नहीं पता है. वे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में ही उलझे हैं.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

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