अम्बेडकर नगर: वो बेसहारों का सहारा है. लावारिश लाशों का मसीहा है. किसी का बेटा बनकर, किसी का पिता बन कर तो किसी का भाई बन कर उसका अंतिम संस्कार करता है.
अम्बेडकरनगर: बेसहारा लाशों के मसीहा बने बरकत अली - ambedkarnagar news
अम्बेडकर नगर जिले के अकबरपुर निवासी बरकत अली लावारिस लाशों का मसीहा बने हैं. बरकत अली अब तक 60 लावारिस लाशों का उनके धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार कर चुके हैं.
बेसहारा लाशों के मसीहा बने बरकत अली
जिले के अकबरपुर निवासी बरकत अली ने लावारिस लाशों का वारिस बनना खुद की नीयत बना ली है और उसे बखूबी अंजाम दे रहे हैं. बरकत अली अब तक 60 लावारिस लाशों का उनके धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार कर चुके हैं.
यदि किसी मुस्लिम की लाश मिलने पर मुस्लिम रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार करते हैं. कभी भी जाति धर्म को अपने इस कार्य मे आड़े नहीं आने दिया. उनका कहना है कि अबतक वह 60 लाशों से अधिक लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं और अब यही उनके जिंदगी का मकसद बन चुका है.
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST