अंबेडकरनगर: जिले में खाकी की एक नई तस्वीर सामने आ रही है. दरअसल, नारी सशक्तिकरण मिशन के तहत पुलिस अलग हुए शादीशुदा जोड़ों को दोबारा मिलाने में अहम भूमिका निभा रही है, जिसमें महिला पुलिसकर्मियों की महत्वपूर्ण योगदान है. जिले में ढाई माह में पुलिस 22 ऐसे जोड़ों को मिलाकर उनके परिवार में खुशियां भरी जो पारिवार में मामूली विवाद के बाद अलग हो चुके थे.
पुलिस के पास महिलाओं के प्रति बढ़ते अत्याचार की जो शिकायतें सामने आ रही हैं, उसमें पति-पत्नी के बीच हुए विवादों की संख्या सबसे अधिक होती हैं. जिसमें कई वर्षों से पति-पत्नी एक दूसरे से अलग रहते हैं. ऐसे ही मामलों में अब जिले की महिला थाना पुलिस एसपी आलोक प्रियदर्शी के मार्गदर्शन में एक सार्थक भूमिका निभा रही है और पति-पत्नी से बात कर टूटे रिश्ते को दोबारा जोड़ रही है. महिला थाना में आए शिकायतों के मुताबिक प्रतिदिन लगभग 10 से 15 शिकायतें आती हैं. पिछले ढाई महीनों में वर्षों से अलग रह रहे 22 जोड़ों को पुलिस ने एक करने में सफलता पाई है. जबकि परिवार से जुड़े 107 मामलों को समझा बुझाकर समाप्त कराया है. जिस परिवार में पहले कलह था, वहां अब खुशियां हैं.
परिजनों का अत्यधिक दखलंदाजी दम्पतियों के बीच बढ़ा रही दूरी
महिला थाना में जो शिकायतें आ रही हैं उसमें जब पति-पत्नी को बुलाकर पुलिस ने काउंसलिंग कर विवाद की वजह जानने का प्रयास किया, तो उसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. ज्यादातर मामलों में दरार की वजह महिला या पुरुष के परिजन ही बन रहे हैं. कुछ मामलों में महिला के मायके वालों द्वारा बिटिया के ससुराल में दखलंदाजी की जाती है, तो कुछ मामलों में पति के परिवार वाले पत्नी को अधिक महत्व देने को लेकर विवाद खड़ा करते हैं.