अंबेडकरनगर:शासन की लाख सख्ती के बावजूद विभाग बिजली बकाया वसूलने में अपेक्षित सफलता नहीं हासिल कर पा रहा है. इसी का नतीजा है कि जिले में 11 अरब से अधिक का बिजली बकाया है. ऐसा माना जा रहा है कि बिजली बिल के निर्धारण, बिल की विसंगतियों को सुधारने में विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमानी बकाया वसूली में सबसे बड़ा बाधक बन रहा है. आम उपभोक्ताओं के साथ-साथ सरकारी महकमों पर भी भारी भरकम बकाया है. इसकी पुष्टि अधीक्षण अभियन्ता अम्बा प्रसाद वशिष्ठ ने की है.
जिले में बिजली विभाग का उपभोक्ताओं पर 11 अरब 80 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. इसमें 11 सौ करोड़ घरेलू ,कमर्शियल व अन्य का है, जबकि 80 करोड़ रुपये का बकाया सरकारी विभाग खुद है. इन बकाए बिल को वसूलने के लिए बिजली विभाग की तरफ से समय-समय पर अभियान चलाया जाता है, लेकिन उतनी सफलता नहीं मिल पा रही है जितनी मिलनी चाहिए.
बताया जा रहा है कि बिल निर्धारण में तमाम विसंगतियां हैं. इसे सही कराने के लिए उपभोक्ताओं को विभाग का चक्कर लगाना पड़ता है. जिले में हजारों उपभोक्ता ऐसे हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है, तो कुछ ऐसे है जिनका एक बार कनेक्शन हो गया तो वह न बिल जमा किये न उनका कोई रिकार्ड है. 1 लाख 60 हजार से ज्यादा उपभोक्ता है, जिन पर 10 हजार से एक लाख से तक का बकाया है. ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं का कहना है कि हम तो बिजली का बिल जमा करना चाहते हैं लेकिन बिल सहीं नही हो रहा है. मीटर के हिसाब से बिल ज्यादा आता है. एक नाम से दो दो कनेक्शन हो गया है. तीन-चार साल बाद अचानक 20 -25 हजार का बिल थमा दिया जाता है. ऐसे में गरीब उपभोक्ता कैसे जमा कर पाएंगे.