प्रयागराज: राम मंदिर के निर्माण को लेकर लगातार संत महात्मा अपनी पीड़ा व्यक्त कर रहे हैं. कुम्भ मेले में स्वामी स्वरूपानंद स्वरस्वती के नेतृत्व में परम धर्म संसद का आयोजन हुआ और समापन के दिन राम जन्मभूमि अयोध्या जाने की तिथि 21 फरवरी को निर्धारित की गई.
स्वामी स्वरूपानंद स्वरस्वती सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए स्वामी स्वरूपानंद स्वरस्वती ने कहा, 'प्रयागराज से 17 फरवरी को पूरे दल बल के साथ अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे. वहां पर राम मंदिर निर्माण को लेकर रामाग्रह करेंगे और चार शिला लेकर जाएंगे और शिलान्यास कर पूजा पाठ भी करेंगे. इसके चाहे मुझे जेल भी जाना पड़े हम सभी संत महात्मा तैयार हैं. बस यही कहना चाहता हूं कि जिस मुद्दे पर भाजपा ने चुनाव लड़ा, उसी मुद्दे को याद दिलाने के लिए अयोध्या जाएंगे'.
किसी पार्टी के साथ नहीं
स्वामी स्वरूपानंद स्वरस्वती ने कहा, 'हम किसी राजनीतिक पार्टी के साथ मिलकर राम मंदिर निर्माण की बात नहीं करते हैं. राम जन्म भूमि में राम मंदिर का निर्माण संत महत्माओं के बस में है और कोई नहीं करा सकता है. जनता हमारे लिए सर्वश्रेष्ठ है इसलिए जनता चाहती है कि राम मंदिर का निर्माण हो. इसलिए 17 फरवरी को पूरे रास्ते अलख जागते हुए राम जन्मभूमि में रामाग्रह का पूजन करेंगे और शिलान्यास भी. स्वामी ने कहा कि देश का कोई भी दल न मंदिर का निर्माण कर सकता है न ही मस्जिद का'.
अखाड़ा परिषद है साथ
स्वामी स्वरूपानंद स्वरस्वती ने कहा,'अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष से हमारी मुलाकात हुई और उन्होंने यह बात भी कही कि परिषद आप के साथ है और राम जन्मभूमि में रामलला की मंदिर हर हाल में ही बनेगा. अब इतनी देर करना ठीक नहीं है. इसलिए 17 फरवरी के दिन एक शुभमुहूर्त दिन 1 बजे प्रयागराज से अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे. स्वामी ने कहा कि एक समय था जब महात्मा गांधी ने देश के लिए सत्याग्रह किया था वैसे ही हम सभी रामलला के आग्रह का रामाग्रह आंदोलन चलाएंगे. इस यात्रा में हजारों की संख्या में संत शामिल होंगे'.