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अलीगढ़: खास तैयारियों के साथ महिलाओं ने मनाया करवाचौथ का व्रत

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में महिलाओं ने काफी उत्साह के साथ करवाचौथ का व्रत मनाया. महिलाओं ने बताया कि इस व्रत के पीछे एक बहुत पुरानी कहानी है, जिससे यह पता चलता है कि कार्तिक मास की चौथ माता किसी भी स्त्री का सुहाग बचा सकती हैं.

महिलाओं ने मनाया करवाचौथ का व्रत

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Published : Oct 17, 2019, 11:49 PM IST

अलीगढ़: करवाचौथ के त्योहार पर सुहागिन महिलाएं शाम को पूजा के बाद रात को चंद्रोदय होने पर अर्घ देकर पति की दीर्घायु की कामना करती हैं. ये दिन सुहागन स्त्रियों के लिए काफी अहम होता है. गुरुवार को अलीगढ़ की महिलाएं काफी उत्साह के साथ करवा चौथ का त्योहार मनाईं.

महिलाओं ने मनाया करवाचौथ का व्रत.

महिलाओं में दिखा उत्साह
श्वेता गर्ग ने बताया कि यह त्योहार साल में एक बार आता है. औरतों में पहले से ही इसकी तैयारी हो जाती है. इस दिन महिलाएं खूब सजती हैं. इस त्योहार पर पति की लंबी उम्र की कामना करते हैं. इस व्रत पहले कथा सुनते हैं और शाम को जब चांद उगता है, तो चंद्रमा अर्घ देते हैं. फिर अपने पति के हाथ से जल या कुछ भी भोजन का एक टुकड़ा लेकर व्रत खोलते हैं.

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पूर्णिमा गुप्ता ने बताया कि हम बहुत अच्छे तरीके से फेशियल कराते हैं, मेहंदी लगाते हैं. हमारी शादी को 31 साल हो चुके हैं. हमारे बच्चे भी बड़े हो गए हैं. बच्चों की शादी भी हो गई है, पहले बहुत अच्छे तरीके से मनाते थे. अब थोड़ा परिवर्तन आ गया है. हमारी उम्र भी हो गई है. दिए को चलनी में देखते हैं, अब तो बहुत अंतर है. पहले हम करवे मिट्टी के लेते थे. सुंदर-सुंदर सजा के और मेहंदी भी मैचिंग-मैचिंग लगाते हैं.

क्यों मनाते हैं करवा चौथ
प्रीति ने बताया कहा जाता है कि एक लड़की थी उसके सात भाई थे. अपने भाइयों की वह बहुत लाडली थी. उसका पहला करवाचौथ पड़ा तो वह व्रत थी. भाइयों से देखा नहीं गया कि यह भूखी प्यासी व्रत रह रही है. भाइयों नें रात में चंद्रमा निकलने से पहले ही एक चलने में दिए को रखकर बोले कि देख बहन चंद्रमा निकल आया है. उसने समझा चंद्रमा निकल आया है. उसकी भाभी बोलती है यह हमारा नहीं है तुम्हारा चंद्रमा है. उसने चंद्रमा समझकर उसको अर्घ दे दिया.


लड़की जैसे ही भोजन करने बैठी तो पता चला कि, उसके पति का स्वर्गवास हो गया है. वह बहुत घबराई और अपनी ससुराल पहुंची सब ने कहा इस का स्वर्गवास हो गया है. तुमने व्रत तोड़ा उसे कुछ पता नहीं था, लेकिन वह धीरे-धीरे पता लगाई कि मेरे भाइयों ने झूठ बोला है. फिर उन सबने बोला कि जो कार्तिक मास की चौथ माता आती हैं. वही तुम्हारे सुहाग को जिंदा कर सकती हैं. कार्तिक मास की चौथ माता ने ही उसका सुहाग वापस किया. तभी से यह परंपरा चली आ रही है कि, कार्तिक मास की चौथ को करवाचौथ के रूप में मनाते हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हैं.

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