अलीगढ़: गणतंत्र दिवस समारोह और विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष के अवसर पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास के एक अध्याय को संरक्षित किया गया है. विश्वविद्यालय की समृद्ध विरासत को भविष्य के लिये एक रिकार्ड के रूप में अगली पीढ़ी तक पहंचाने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय परिसर में 30 फीट गहरे गड्ढे में डेढ़ टन के टाइम कैप्सूल को दफनाया गया.
अलीगढ़ : गणतंत्र दिवस पर AMU में दफन किया गया टाइम कैप्सूल - Time capsule buried in AMU
गणतंत्र दिवस के अवसर पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 30 फीट गहरे गड्ढे में डेढ़ टन का टाइम कैप्सूल दफनाया गया. कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि यह टाइम कैप्सूल भविष्य की पीढ़ियों के लिए है और इसमें एएमयू के गौरवशाली इतिहास को संरक्षित किया गया है.
![अलीगढ़ : गणतंत्र दिवस पर AMU में दफन किया गया टाइम कैप्सूल
AMU में दफन किया गया टाइम कैप्सूल](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-10390861-thumbnail-3x2-amu.jpg)
टाइम कैप्सूल में रखा गया ये सामान
उच्च टेम्पर्ड स्टील से निर्मित इस टाइम कैप्सूल में खलीक अहमद निजामी का सर सैयद एल्बम, 1875 से 1919 तक मोहम्मद एंग्लो-ओरिएंटल कालेज, अलीगढ़ से संबंधित लेख और भाषण, थ्योडोर मॉरिसन द्वारा एमएओ कालेज का इतिहास, जीएफआई ग्राहम द्वारा सैयद अहमद खान का जीवन और कार्य, प्रोफेसर शान मोहम्मद द्वारा भारत में मुस्लिम शिक्षा की झलक, 1920 के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अधिनियम तथा विश्वविद्यालय के कानून, प्रोफेसर के ए निजामी द्वारा सैयद अहमद खान, प्रोफेसर मोहम्मद आसिम सिद्दीकी और डॉ. राहत अबरार द्वारा संकलित जहान-ए-सैयद, अल्ताफ हुसैन हाली द्वारा हयात-ए-जावेद, एस के भटनागर द्वारा एमएओ कालेज का इतिहास, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का दीक्षांत भाषण, एएमयू के दीक्षांत समारोह (1922-2018), मोहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कालेज कैलेंडर (1911-1912), अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कैलेंडर (1932), एएमयू डायरी-2020, 28 अक्टूबर, 2018 को कार्टोसैट-2 द्वारा ली गई अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर की सैटेलाइट तस्वीर, एएमयू के कुलाधिपतियों और कुलपतियों की सूची, एएमयू का कालानुक्रमिक इतिहास (1920-2020), 22 दिसंबर 2020 को शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी डाक टिकट, भाषण और टाइम कैप्सूल की सामग्री साथ ही प्रगति कार्य का विवरण रखा गया है.
भविष्य की पीढ़ियों को मिलेगा लाभ
समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि यह टाइम कैप्सूल भविष्य की पीढ़ियों के लिए है और इसमें एएमयू के गौरवशाली इतिहास को संरक्षित किया गया है. उन्होंने कहा कि इसमें रखी गई दस्तावेजों को आधुनिकतम वैज्ञानिक तरीकों से संरक्षित किया गया है. कैप्सूल में रखी गई दस्तावेजों के लिए एसिड-मुक्त तथा रसायनविहीन कागज का प्रयोग किया गया है. प्रो मंसूर ने कहा कि इतिहास परंपराओं के आचरण में आने के साथ शुरू होता हैं. कुलपति ने जार्ज संतायण का हवाला देते हुए कहा कि जो लोग अतीत को याद नहीं रखते, उन्हें इसे दोहराने का श्राप झेलना पड़ता है.
सर सैय्यद ने भी दफन किया था टाइम कैप्सूल
उन्होंने कहा कि 8 जनवरी 1877 को एमएओ कालेज की आधार शिला रखते समय उस समय के वायसराय तथा गवर्नर जनरल लार्ड लिटन द्वारा दफन किए गए कैप्सूल को बाहर निकालने संबन्धित तौर-तरीकों पर विचार विमर्श के लिये एक समिति का गठन किया गया है. कुलपति ने टाइम कैप्सूल समिति के सदस्यों, एएमयू रजिस्ट्रार, श्री अब्दुल हमीद, प्रो मिर्जा फैसल एस बेग, प्रोफेसर एमके पुंडीर, डॉ. राहत अबरार, राजीव कुमार शर्मा, डॉ. मोहम्मद शाहिद, इशरत आलम, डॉ. मोहम्मद यूसुफ, डॉ. मोहम्मद नदीम, डॉ. मोहम्मद इरफान, डॉ. रिजवान अहमद, डॉ. परवेज महमूद और फूल चंद गोंड का आभार व्यक्त किया.