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अलीगढ़: टेंट कारोबारी दो दिन के हड़ताल पर, आज भी प्रतिष्ठान बंद - अनलॉक-4

अलीगढ़ जिले में टेंट, केटरर्स, लाइट-साउंड और डीजे के कारोबारियों ने दो दिन की हड़ताल पर हैं. टेंट कारोबारियों ने सरकार से 500 लोगों के साथ शादी-विवाह और अन्य मांगलिक कार्यक्रम कराने की अनुमति की मांग की है.

टेंट कारोबारी दो दिन के हड़ताल पर
टेंट कारोबारी दो दिन के हड़ताल पर

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Published : Sep 16, 2020, 1:54 PM IST

अलीगढ़: जिले के टेंट कारोबारियों ने अपनी दुकानें बंद रखकर सरकार के प्रति अपना विरोध जताया है. मंगलवार को अधिकांश टेंट कारोबारियों के प्रतिष्ठान बंद रहे. बता दें कि अनलॉक-4 की गाइडलाइन के मुताबिक, जिला प्रशासन ने सामाजिक कार्यक्रम में 100 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी है. लेकिन टेंट, लाइट, कैटरर्स, डीजे साउंड आदि कारोबारी समाजिक कार्यक्रमों 500 तक लोगों के शामिल होने की अनुमति देने की मांग कर रहे हैं. टेंट कारोबारियों का कहना है कि कोरोना काल में कई शुभ मुहूर्त निकल चुके हैं. अब आने वाले महीनों में 15 दिन ही विवाह का मुहूर्त है. ऐसे में अगर 100 लोगों की पाबंदी लगाई गई तो उनका कारोबार ठप हो जाएगा.

कोरोना संकट के कराण देश में हुए लॉकडाउन लागू होने के बाद से टेंट, कैटरिंग, डेकोरेशन, लाइट, डीजे, साउंड आदि कारोबार पिछले 6 माह से बंद पड़े हैं. इसके चलते काफी लोग बेरोजगार हो गए. बीते दिनों सरकार ने सामाजिक कार्यक्रम में सौ लोगों के शामिल होने की अनुमति दी थी, लेकिन टेंट कारोबारी 500 लोगों तक की अनुमति मांग रहे हैं. इसके लिए यूपी टेंट व्यापारी एसोसिएशन ने दो दिन के बंद का एलान किया है.

टेंट कारोबारियों का कहना है कि सौ लोगों के कार्यक्रम में अपेक्षित मुनाफा नहीं है. वहीं कम लोगों के होने से लोग बुकिंग नहीं करना चाहते, इसके चलते भी नुकसान हो रहा है. गेस्ट हाउस सहित कैटर्स तक की बुकिंग नहीं हो रही है. अलीगढ़ में शादी-विवाह और ऐसे अन्य कार्यक्रमों की वजह से सालाना करीब 300 करोड़ रुपये का टर्नओवर है. जिले में सहालग के काम में करीब 28 सौ व्यापारी जुड़े हैं. इन सभी व्यापारियों को लॉकडाउन में अब तक 135 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.

अलीगढ़ टेंट व्यापारी एसोसिएशन, पंजाब टेंट व्यापारी वेलफेयर एसोसिएशन व उत्तर प्रदेश टेंट व्यापारी एसोसिएशन एक साथ हैं. टेंट व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप गंगा ने बताया कि जब ट्रेन, मॉल, मेट्रो आदि को खोला जा सकता है तो शादियों में कुछ देर के लिए लोग एकत्र क्यों नहीं हो सकते?

उनका कहना है कि अगर शादियां में कम लोग रहेंगे तो बाजार में नगदी का प्रवाह नहीं होगा. शादियां होंगी तो कपड़ा, रेडीमेड, साड़ी, सर्राफा, फुटवियर, हार्डवेयर, पेंट, ऑटो, टूर-ट्रेवल्स, किराना, जनरल स्टोर आदि सभी जगह बिक्री होगी और अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ लेगी. उनका कहना है कि अगर बंदिशें होंगी तो कई लोगों का काम हमेशा के लिए बंद हो जाएगा.

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