अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में 11 दिन से पीएचडी में एडमिशन को लेकर धरने पर बैठे छात्रों ने कैंडल मार्च निकाला. छात्रों ने मौलाना आजाद लाइब्रेरी कैंटीन से बाबे सैयद गेट तक शांतिपूर्वक कैंडल मार्च निकालकर एएमयू प्रशासन को चेतावनी दी. छात्रों का आरोप है कि कुलपति ने तानाशाही रवैया अपना रखा है. धरने पर बैठे छात्रों को धमकाया जा रहा है. पांच छात्रों को निलंबन का नोटिस भी दिया गया है.
PHD में एडमिशन का नहीं सुलझ रहा विवाद, AMU में 11 दिन से धरने पर बैठे हैं छात्र - पीएचडी एडमिशन विवाद
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 11 दिन से पीएचडी में एडमिशन को लेकर छात्र धरने पर बैठे हैं. बुधवार को छात्रों ने कैंडल मार्च निकालकर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के टॉपर को भी एएमयू में पीएचडी में दाखिला नहीं दिया गया.
धरने पर बैठे छात्रों का कहना है कि छात्रों की मांग को एएमयू प्रशासन नहीं सुन रहा है. एएमयू प्रशासन की तरफ से धरने पर बैठे पांच छात्रों को दो साल के लिए निलंबित करने का नोटिस भी जारी किया गया है. इन्हीं सबको लेकर छात्रों में नाराजगी है. छात्रों को निलंबित करने के नोटिस की प्रतियों को बाबे सयैद गेट पर जलाया गया. धरने पर बैठे छात्रों का कहना है कि हम नेट और जेआरएफ क्वालीफाई हैं, फिर भी यूजीसी के नियमों की अनदेखी की जा रही है.
छात्रों ने आरोप लगाया कि एएमयू इंतजामिया अपने-अपने कैंडिडेटो का दाखिला कर रही है. दिल्ली विश्वविद्यालय के टॉपर को भी एएमयू में पीएचडी में दाखिला नहीं दिया गया. वहीं दिव्यांग छात्रा के साथ भी दाखिले में भेदभाव किया गया. बता दें कि छात्र पीएचडी में एडमिशन को लेकर के 11 दिन से धरने पर बैठे हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से पीएचडी दाखिले को लेकर अभी तक कोई समाधान नहीं किया गया है.