उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

CAA के खिलाफ फिलीस्तीन के इंकलाबी नारों का लिया जा रहा है सहारा, समर्थन में बनाई मानव श्रृंखला

एएमयू के छात्र विश्वविद्यालय की दीवारों और सड़कों को नारों से रंग रहे हैं. छात्र कई तरह से एनआरसी और सीएए का विरोध हो रहे है. वहीं सहारनपुर प्रशासन को CAA, NRC और NPR के बारे में लोगों को जानकारी दी. उन्होंने मदरसा दारुल उलूम अशरफिया पंहुचकर न सिर्फ छात्रों को शांत कराया बल्कि जानकारी भी दी.

CAA के खिलाफ फिलीस्तीन नारे
CAA के खिलाफ फिलीस्तीन नारे

By

Published : Jan 21, 2020, 9:16 AM IST

Updated : Jan 21, 2020, 9:49 AM IST

अलीगढ़:नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ एएमयू में आंदोलन कर रहे छात्रों ने सड़क और दीवार नारों से रंग दी है. नारों के बीच छात्र-छात्राओं ने बाबा सैयद की मुख्य सड़क पर फिलिस्तीन के नारे इंतिफादा को भी जगह दी है. आमतौर पर इंतिफादा का अर्थ बगावत या विद्रोह है, लेकिन अरबी भाषा में इसका अर्थ उथल-पुथल या फिर किसी से छुटकारा पाना होता है.

देखें रिपोर्ट.

एएमयू छात्र तिरंगे झंडे के साथ आजादी के नारे लगा रहे हैं. साथ ही भारतीय संविधान की प्रस्तावना लोगों के सामने रखी है. तमाम तरह से एनआरसी सीएए का विरोध हो रहा है. डेमोक्रेसी की भी बात हो रही है. इंकलाब लाने के लिए फिलिस्तीन के नारों का सहारा लिया जा रहा है. छात्रों ने फिलिस्तीन की हिस्ट्री पढ़ी है और वहां आंदोलनों को किस तरीके से लीड किया गया. उसी का अनुसरण किया जा रहा है.

क्या है इंतिफादा का अर्थ
इजराइल और फिलिस्तिनियों के बीच जारी लड़ाई में इंतिफादा का इस्तेमाल होता है. यहां इसका अर्थ है इजरायली सेना के खिलाफ एक संगठित विद्रोह. इनके बीच दो इंतिफादा हो चुके हैं. पहला इंतिफादा 1987 में शुरू हुआ और 1993 में खत्म हुआ. इसके बाद सन् 2000 में शुरू हुआ था. इंतिफादा पहले से कहीं ज्यादा खूनी था और 4 साल तक चला.

छात्रों का कहना है कि किसी भी आंदोलनों में टेंपरामेंट डेवलप करने के लिए यह नारे प्रभावशाली होते हैं. लम्बे समय तक आंदोलन को चलाने के लिये कवायद की जा रही है. इंकलाबी नारे को लिखने वाली छात्रा रिफा कहती हैं कि लोगों को विरोध से जोड़ने के लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है. छात्र इमरान ने बताया कि यह लड़ाई हिंदू-मुस्लिम की नहीं, बल्कि संविधान बचाने की है.

भाजयुमो ने CAA के समर्थन में बनाई मानव श्रृंखला
अलीगढ़ में भारतीय जनता युवा मोर्चा संगठन ने सीएए और एनआरसी के समर्थन में मानव श्रृंखला बनाई. इस दौरान विभिन्न सामाजिक संगठन और विद्यालयों के छात्र-छात्राएं मौजूद रहें.

थाना सिविल लाइन इलाके के मैरिस रोड से सेंटर पॉइंट तक मानव श्रृंखला बनाकर CAA का समर्थन किया गया. वहीं परमिशन क्षेत्र के अलावा प्रदर्शनकारियों द्वारा अन्य क्षेत्र में भीड़ को ले जाने का प्रयास किया गया तो जिला प्रशासन ने उनको रोक दिया.

भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष मुकेश सिंह लोधी ने बताया कि CAA के समर्थन में सभी युवाओं ने मानव श्रंखला निकाली है. ऐसे लोग जो पाकिस्तान, बांग्लादेश से अपनी जान बचाकर यहां रह रहे हैं, जिनके पास इस देश की नागरिकता नहीं है. उसके सम्मान के लिए हमारी सरकार यह कानून लाई है और इस कानून का हमें समर्थन करना चाहिए.

एसीएम प्रथम रंजीत सिंह ने बताया कि कुछ लोगों ने CAA के समर्थन में ह्यूमन चैन निकालने के लिए अनुमति लिए थे. इन्होंने ह्यूमन चेन निकाला, बाद में उन्होंने जुलूस निकालने का प्रयास किया तो इसको तत्काल रोक दिया गया.

सीएए का विरोध कर रहे लोगों को प्रशासन ने कराया शांत

सहारनपुरःप्रशासन में उस वक्त हड़कंप मच गया जब मदरसा दारुल उलूम अशरफिया में नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनआरपी के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया. सूचना पर आला-अधिकारियों ने मौके पर पंहुच कर न सिर्फ छात्रों को शांत किया बल्कि CAA, NRC और NPR के बारे समझाया.

प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रबंधतंत्र और तलबा (छात्रों) के साथ बातचीत कर उन्हें नागरिकता संशोधन कानून की जानकारी दी. प्रशासन के समझाने बुझाने पर तलबा वापस अपने हॉस्टल में चले गए. एसपी देहात विद्यासागर मिश्र, एसडीएम राकेश कुमार, सीओ चौब सिंह और कोतवाली प्रभारी यज्ञदत्त शर्मा कासिमपुरा रोड स्थित मदरसा दारुल उलूम अशरफिया पहुंच गए.

मदरसा प्रबंधक सालिम अशरफ कासमी ने प्रशासन को विश्वास दिलाया कि उनके मदरसे में ऐसा कोई कार्य नहीं करेंगे, जिससे शांति व्यवस्था पर असर पड़े. हालांकि एसपी देहात विद्या सागर मिश्र ने बताया कि वह किसी प्रदर्शन को रोकने नहीं बल्कि मदरसे के तलबा के बुलावे पर वहां गए थे.

Last Updated : Jan 21, 2020, 9:49 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details