अलीगढ़:नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ एएमयू में आंदोलन कर रहे छात्रों ने सड़क और दीवार नारों से रंग दी है. नारों के बीच छात्र-छात्राओं ने बाबा सैयद की मुख्य सड़क पर फिलिस्तीन के नारे इंतिफादा को भी जगह दी है. आमतौर पर इंतिफादा का अर्थ बगावत या विद्रोह है, लेकिन अरबी भाषा में इसका अर्थ उथल-पुथल या फिर किसी से छुटकारा पाना होता है.
एएमयू छात्र तिरंगे झंडे के साथ आजादी के नारे लगा रहे हैं. साथ ही भारतीय संविधान की प्रस्तावना लोगों के सामने रखी है. तमाम तरह से एनआरसी सीएए का विरोध हो रहा है. डेमोक्रेसी की भी बात हो रही है. इंकलाब लाने के लिए फिलिस्तीन के नारों का सहारा लिया जा रहा है. छात्रों ने फिलिस्तीन की हिस्ट्री पढ़ी है और वहां आंदोलनों को किस तरीके से लीड किया गया. उसी का अनुसरण किया जा रहा है.
क्या है इंतिफादा का अर्थ
इजराइल और फिलिस्तिनियों के बीच जारी लड़ाई में इंतिफादा का इस्तेमाल होता है. यहां इसका अर्थ है इजरायली सेना के खिलाफ एक संगठित विद्रोह. इनके बीच दो इंतिफादा हो चुके हैं. पहला इंतिफादा 1987 में शुरू हुआ और 1993 में खत्म हुआ. इसके बाद सन् 2000 में शुरू हुआ था. इंतिफादा पहले से कहीं ज्यादा खूनी था और 4 साल तक चला.
छात्रों का कहना है कि किसी भी आंदोलनों में टेंपरामेंट डेवलप करने के लिए यह नारे प्रभावशाली होते हैं. लम्बे समय तक आंदोलन को चलाने के लिये कवायद की जा रही है. इंकलाबी नारे को लिखने वाली छात्रा रिफा कहती हैं कि लोगों को विरोध से जोड़ने के लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है. छात्र इमरान ने बताया कि यह लड़ाई हिंदू-मुस्लिम की नहीं, बल्कि संविधान बचाने की है.
भाजयुमो ने CAA के समर्थन में बनाई मानव श्रृंखला
अलीगढ़ में भारतीय जनता युवा मोर्चा संगठन ने सीएए और एनआरसी के समर्थन में मानव श्रृंखला बनाई. इस दौरान विभिन्न सामाजिक संगठन और विद्यालयों के छात्र-छात्राएं मौजूद रहें.
थाना सिविल लाइन इलाके के मैरिस रोड से सेंटर पॉइंट तक मानव श्रृंखला बनाकर CAA का समर्थन किया गया. वहीं परमिशन क्षेत्र के अलावा प्रदर्शनकारियों द्वारा अन्य क्षेत्र में भीड़ को ले जाने का प्रयास किया गया तो जिला प्रशासन ने उनको रोक दिया.