अलीगढ़:स्वास्थ्य राज्यमंत्री के सामने ही जिले के सरकारी अस्पताल में इलाज और सुविधाओं के दावों की पोल खुल गई. स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग सरकारी अस्पताल का निरीक्षण करने आए थे. इसी दौरान राज्यमंत्री के सामने ही सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने एक्सीडेंट में घायल महिला व युवक को प्राइवेट में इलाज के लिए भेज दिया. घायल महिला की बेटी इलाज के लिए गिड़गिड़ाती रही.
खुली सरकारी अस्पताल की पोल. सरकारी अस्पताल में सुविधाओं का ढोल पीटा जा रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग के सामने ही इलाज में लापरवाही देखने को मिली. स्वास्थ्य राज्यमंत्री के सामने ही एक्सीडेंट में घायल महिला को जिला अस्पताल में इलाज नहीं मिला और एक घंटे तक तड़पती रही.
दरअसल, अतरौली के तेवतू में बाइक की आमने-सामने की टक्कर में चार लोग घायल हो गए थे, जिसमें से दो लोगों को पहले ही प्राइवेट में इलाज के लिए भेज दिया गया. वहीं विनेश व ऋषान्त सरकारी अस्पताल में इलाज को तड़पते रहे. बेटी डाली इलाज के लिए मंत्री अतुल गर्ग के पैर भी पकड़ लिया, लेकिन मंत्री पर कोई फर्क नहीं पड़ा.
हालांकि स्वास्थ्य राज्यमंत्री पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं. वहीं इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर इस्लाम का वेतन रोक दिया गया है. दीनदयाल सरकारी अस्पताल के सीएमएस डॉ. वीके गुप्ता ने बताया कि लापरवाही हुई है. लापरवाह डॉक्टर की सैलरी रोकने का आदेश दिया गया है. घायल वीनेश के परिजनों ने सरकारी अस्पतल में इलाज नहीं मिलने का आरोप लगाया है.