अलीगढ़: जिले में बुधवार को प्रसिद्ध वैज्ञानिक, कवि और डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर गौहर रजा ने सीएए और एनआरसी के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बाबे सैयद गेट पर एक पब्लिक डिस्कशन में छात्रों को संबोधित किया. उन्होंने मुनव्वर राणा की बेटियों पर मुकदमा दर्ज किए जाने को लेकर कहा कि यूपी सरकार को शर्म आनी चाहिए कि बेटियों के ऊपर जुर्म कर रहे हैं. उन्होंने कहा खासतौर से शायर की बेटी को मुकदमे में फंसाने की कोशिश कर सरकार मुल्क की सभी बेटियों को डराना चाहती है.
गौहर रजा ने कहा कि बांटने की सियासत की अपनी हदें हुआ करती है. डिवाइड और रुल की पालिसी अंग्रेजों की थी, लेकिन अंग्रेजों की नाजायज औलादें है जो देश में छूट गई हैं. अंग्रेजों के नक्शे कदम पर ही महौल बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि फासिस्ट पावर को न तो बातचीत करनी आती है और न ही वाद-विवाद करना आता है, क्योंकि यह इस काबिल नहीं है और न ही पीछे कदम हटाते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार नहीं जागी तो जनता जागेगी और सरकार को सत्ता से जाना होगा. गौहर रजा ने कहा कि इस मुल्क का नौजवान जाग रहा है और लोगों को जगा रहा है.
'आज छात्रों के आंदोलन ने सरहदें पार कर दी हैं'
गौहर रजा ने कहा कि 1857 में मेरठ से एक चिंगारी उठी थी, जिसने पूरे मुल्क को अपने लपेटे में ले लिया था. इस बार जामिया से चिंगारी उठी है और पूरे मुल्क और यूनिवर्सिटी को लपेटे में ले लिया है. उन्होंने कहा कि 1857 और आज के आंदोलन में फर्क इतना है कि 1857 में आंदोलन मुल्क की हदों के अंदर हुआ था, लेकिन आज छात्रों के आंदोलन ने सरहदें पार कर दी है. दुनिया के हर यूनिवर्सिटी, जिसमें साउथ अफ्रीका से लेकर यूरोप तक और जापान से लेकर अमेरिका तक यूनिवर्सिटी से आवाजें उठ रही हैं.