अलीगढ़: गाजियाबाद पुलिस ने धर्मांतरण रैकेट में पकड़े गए आरोपियों में मुख्य आरोपी सौरभ खुराना उर्फ अब्दुल्ला का नाम उजागर किया है. आरोपियों के नाम सामने आने के बाद एएमयू प्रशासन में हड़कंप मचा गया, मामला सुर्खियों में आने के बाद एएमयू प्रशासन द्वारा 10 वर्ष पुराना रिकॉर्ड खंगाला गया. जांच के बाद इंतजामियां का दावा है कि छात्र का 2007 में सौरभ नाम से दाखिला हुआ और 2014 में सौरभ नाम से वो अपने ही घर गया. सौरभ खुराना नाम से ही बीडीएस की डिग्री है.
बता दें, बीते 8 जुलाई को गाजियाबाद पुलिस ने धर्मांतरण के मास्टरमाइंड अब्दुल्ला को गिरफ्तार किया था. अब्दुल्ला अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) से बीडीएस का छात्र रहा है. बताया जा रहा है कि एक दशक पूर्व एएमयू परिसर के अंदर हादी हसन हॉस्टल में रहते हुए ही सौरव धर्मांतरण की प्रक्रिया से गुजर कर अब्दुल्ला बन गया. इसको लेकर 2 दिन पहले एएमयू के पूर्व छात्र और भाजपा पूर्व जिला प्रवक्ता डॉ. निशित ने एसएसपी से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अंदर जमाती गतिविधियों की जांच कराने की मांग की थी, इसको लेकर एएमयू प्रशासन में हड़कंप मच गया था.
वहीं, अब इस मामले में एएमयू प्रॉक्टर वसीम अली का कहना है कि जिस लड़के का नाम आ रहा है, उसका ताल्लुक यूनिवर्सिटी से सिर्फ इतना रहा है कि 2007-8 में उसने बीडीएस में एडमिशन लिया और सन 2013-14 में उसने पास कर लिया और पास करने के बाद यूनिवर्सिटी से चला गया. अब इसके बाद में जाकर उसने क्या काम करना शुरू किया, किन चीजों में इंवॉल्व रहा, कहां तक सच्चाई है क्या-क्या इल्जामात हैं, इन सारी चीजों का यूनिवर्सिटी से कोई लेना-देना नहीं न कोई यूनिवर्सिटी से मतलब है.