अलीगढ़: खैर थाना क्षेत्र के गांव बामोती से कोचिंग के लिए निकले दो 10वीं क्लास के छात्रों के अपहरण की सूचना पर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया और इलाकाई पुलिस के भी हाथ पैर फूल गए. कुछ घंटे बाद ही दोनों बच्चे घर वापस आ गए, तब जाकर पुलिस ने राहत की सांस ली. बुधवार सुबह पुलिस को दो छात्रों के अपहरण की सूचना मिली थी. इस सूचना पर पुलिस तुरंत हरकत में आ गई और कुछ घंटे बाद ही दोनों बच्चे सकुशल घर वापस पहुंच गए.
जानकारी देती खैर क्षेत्राधिकारी इंदू सिंह आगरा खैर थाना क्षेत्र के गांव बामोती के रहने वाले दो छात्र मोहित पुत्र फूलसिंह और सुरेंद्र पुत्र राजाराम 10वीं क्लास में पढ़ते हैं. बुधवार की सुबह रोज की तरह गांव से खैर के लिए कोचिंग के लिए निकले थे. गांव में स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय के पास से एक गाड़ी में बैठकर कोचिंग के लिए गए थे. अपहरण की सूचना मिलने पर परिजन घबरा गए और उन्होंने इसकी जानकारी तुरंत अलीगढ़ पुलिस (Aligarh Police) को दी.
परिजनों की इस सूचना पर ग्रामीणों में और पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया और तुरंत पुलिस हरकत में आ गई. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर तुरंत वहां जांच पड़ताल की और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर मामले की जांच की. इसके कुछ घंटे बाद ही कोचिंग के लिए निकले मोहित और सुरेंद्र दोनों वापस आ गए. पुलिस दोनों को थाने पर लायी और उनको परिजनों को सौंप दिया.
गांव में स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय खैर स्कूल के शिक्षक प्रकाश सिंह ने बताया कि सुबह मेरे पास फोन आया था कि गांव से दो बच्चों का अपहरण हो गया है. इस सूचना पर घटनास्थल पर मैं भी पहुंचा और मौके पर काफी लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. पता लगा कि वहां से दो बच्चे गायब हो गए हैं. जब स्कूल में जांच की और बच्चों की अटेंडेंस को देखा तो पूरे बच्चे थे. बाद में पता चला दो बच्चे जिसके साथ गए थे, वो कोचिंग के लिए गए थे और उस गाड़ी में अपनी स्वेच्छा से बैठ कर गए थे. अपहरण की सूचना अफवाह थी.
गांव बमोती में अपहरण की अफवाह को लेकर खैर क्षेत्राधिकारी इंदू सिंह ने बताया कि बुधवार सुबह 11 बजे एक सूचना प्राप्त हुई थी कि खैर थाना क्षेत्र में जो प्राइमरी स्कूल है, उसके पास से दो बच्चों को एक गाड़ी में अपहरण करके ले गए है. इस सूचना पर स्थानीय पुलिस के साथ सभी लोग मौके पर पहुंचे. वहां पर ग्रामीणों के साथ सभी लोगों से पूछताछ की गई. आसपास के सभी स्कूल और जो प्रत्यक्षदर्शी थे, उनके बयानों के आधार पर अर्थक प्रयास करने के बाद अब क्लियर हो पाया है कि दो बच्चे जो कोचिंग करते हैं.
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खैर क्षेत्र में ये गाड़ी में सवार होकर खुद गए थे और अपनी कोचिंग से जब वापस लौटे, तो उन्होंने बताया ये दोनों बच्चे अपनी मर्जी से गए थे. अपहरण जैसी कोई बात नहीं है और उन बच्चों से जो प्रत्यक्षदर्शी थे. उन्होंने भी सत्यापन किया कि ये वहीं बच्चे थे, जो वैगनआर गाड़ी में गए थे. पुलिस और ग्रामीण वासियों के प्रयास से जो सुबह की जो सूचना थी, उस पर काम किया गया और अपहरण होने जैसी कोई घटना नहीं पाई गई.
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