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AMU के शोधकर्ताओं का कमाल, खोजा सुगंधित पौधों से तेल निकालने का अनोखा तरीका

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर मसरूर खान ने इंडक्शन कूलर और इंडक्शन हीटर का उपयोग कर पौधों से इत्र और तेल निकालने का एक आधुनिक तरीका खोज निकाला है. प्रोफेसर मसरूर खान बताते हैं कि इस तकनीक से एक किलो पुदीना से तेल सिर्फ 45 मिनट में निकाला जा सकता है, जबकि सामान्य तरीके से करीब तीन घंटे का वक्त लगता है. आइए जानते हैं कि उन्होंने आखिर यह तरीका कैसे खोज निकाला है.

सुगंधित पौधों से निकलेगा तेल
सुगंधित पौधों से निकलेगा तेल

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Published : Jul 14, 2021, 7:35 PM IST

अलीगढ़: सुगंधित पौधों से तेल निकालना एक कठिन काम है. इसमें काफी समय भी लगता है. लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर मसरूर खान ने इंडक्शन कूलर और इंडक्शन हीटर का उपयोग कर पौधों से इत्र और तेल निकालने का एक आधुनिक तरीका खोज निकाला है. वे इस विधि को फोर्ट (फास्ट आयल रिकवरी तकनीक) कहते हैं. यह सामान्य विधि से लगभग चार गुना तेज होता है और इस तरह मेन्था, पुदीना, पेपरमिंट, गुलाब, लैवेंडर, लेमनग्रास, तुलसी, खस आदि का तेल आसानी से निकाला जा सकता है.

सुगंधित पौधों से निकलेगा तेल
प्रोफेसर मसरूर खान बताते हैं कि इस तकनीक से एक किलो पुदीना से तेल सिर्फ 45 मिनट में निकाला जा सकता है, जबकि सामान्य तरीके से करीब तीन घंटे का वक्त लगता है. दूसरी ओर, इस प्रक्रिया में बिजली की लागत एक चौथाई से भी कम है. तीसरा, सामान्य विधि में लगभग 250 लीटर नल का पानी ठंडा करने के लिए उपयोग किया जाता है, जबकि इस विधि में केवल एक या दो किलोग्राम बर्फ खर्च होती है. साथ ही, कार्यस्थल पर अधिक गर्मी उत्पन्न नहीं होती है.



प्रोफेसर मसरूर खान बताते हैं कि इस मुहिम में डॉ. मुहम्मद नईम और डॉ. तारिक आफताब भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा इस तकनीक का पेटेंट कराने की दिशा में प्रगति हुई है. वह इससे पहले नैनो कणों के माध्यम से पेपरमिंट के उत्पादन को बढ़ाने के लिए पेटेंट प्राप्त कर चुके हैं. प्रोफेसर मसरूर खान ने AMU से पीएचडी और ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए से पोस्टडाक्टोरल फेलोशिप प्राप्त की है. वे लगभग 40 वर्षों से शोध और अध्यापन कार्य कर रहे हैं. आज तक उनके 200 लेख इंटरनेशनल पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं और उन्होंने औषधीय पौधों पर एक दर्जन से अधिक पुस्तकें लिखी हैं.


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