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अस्पताल में नवजात बच्ची का शव खा गए चूहे - नवजात बच्ची के शव को चूहों ने नोच खाया

अलीगढ़ के निजी अस्पताल में नवजात बच्ची के शव को चूहों ने नोच डाला. परिवार वालों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है. पीड़ित परिवार ने एसडीएम से मामले की शिकायत भी की है.

परिवार वालों ने अस्पताल की लापरवाही की शिकायत एसडीएम से की.
परिवार वालों ने अस्पताल की लापरवाही की शिकायत एसडीएम से की.

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Published : Nov 25, 2020, 7:31 PM IST

अलीगढ़: जिले के एक निजी अस्पताल में नवजात बच्ची के शव को चूहों ने नोच खाया है. परिवार वालों ने निजी हॉस्पिटल पर आरोप लगाते हुए एसडीएम से शिकायत की है. बच्ची की जन्म के कुछ देर बाद ही मौत हो गई थी. इसके बाद अस्पताल वालों ने बकाए पेमेंट के लिए शव को अस्पताल में रखवा दिया. अगली सुबह बकाए पेमेंट के बाद बच्ची का क्षत-विक्षत शव परिवार वालों को सौंप दिया. यह मामला थाना अतरौली के कस्बा अतरौली रामघाट रोड का है.

बकाया पेमेंट करने के बाद अस्पताल वालों ने दिया बच्ची का क्षत-विक्षत शव.

अलीगढ़ के थाना अतरौली इलाके के गांव पिलखुनी निवासी राजेश कुमार पुत्र सुखपाल सिंह का आरोप है कि उनकी पत्नी सपना देवी को प्रसव के लिए रविवार की शाम अतरौली के रामघाट रोड स्थित कीर्ति अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां देर रात करीब 11 बजे सामान्य डिलीवरी के बाद महिला ने बच्ची को जन्म दिया. जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वस्थ थे. चिकित्सकों ने कुछ देर बाद बच्ची को मशीन में रखने की बात कही. कुछ देर बाद डॉक्टरों ने परिजनों को सूचना दी कि बच्ची की मौत हो गई. इससे परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई. कारण पूछा तो चिकित्सकीय स्टाफ ने कोई संतोष जनक जवाब नहीं दिया.

बच्ची का शव परिवार वालों को दिखाने के बाद अस्पताल कर्मचारियों ने फ्रिजर में रखने को कहा. अगले दिन पेमेंट देने के बाद उन्होंने शव सौंपा जो क्षत-विक्षत हालत में था. चेहरा जगह-जगह इस तरह कटा हुआ था जैसे किसी चूहे अथवा ज़हरीले कीड़े आदि ने काट लिया हो. क्षत-विक्षत चेहरा देख जब परिजनों ने कहासुनी की तो स्टाफ अभद्रता करने लगा.

हमारी बहन को डिलीवरी होनी थी. हमने अतरौली रामघाट रोड कीर्ति हॉस्पिटल में शाम 4 बजे भर्ती कराया था. रात 11 बजे डिलीवरी हुई. डिलीवरी के थोड़ी देर बाद बच्ची की मौत हो गई. जब बच्ची का शव दिखाया गया, तब उसका चेहरा एकदम साफ था. उसके बाद शव को अपने फ्रीजर में रखने की बात कहकर ले गए. सुबह जब बच्ची को दिखाया तो उसका शव क्षत-विक्षत था. फिर अस्पताल वालों ने कहा, इसका बिल जमा कर जाओ, अपनी बहन और बच्ची के शव को ले जाओ. उसके बाद तीन हजार रुपये जमा करके बच्ची को ले गए थे.

हेमंत कुमार, मृतक नवजात के मामा

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