अलीगढ़: जिला कारागार में सजा काट रहे कैदी की मौत के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है. शनिवार देर रात अचानक तबीयत खराब होने पर जेल प्रशासन ने कैदी को जिला अस्पताल रेफर किया था, जहां डॉक्टरों की टीम ने कैदी को मृत घोषित कर दिया. सूचना मिलने पर अस्पताल पहुंचे परिजनों ने जेल प्रशासन पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
- राकेश बाल्मीकि उम्र 26 वर्ष जानलेवा हमले के मामले में 11 महीने से जिला कारागार में बंद था.
- शनिवार की रात दो बजे अचानक उसकी तबीयत खराब हुई.
- आनन-फानन में कैदी राकेश को मलखान सिंह जिला अस्पताल ले जाया गया.
- अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने कैदी राकेश को मृत घोषित कर दिया.
- घटना की सूचना मिलने पर जिला अस्पताल पहुंचे परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
परिजनों ने जेल प्रशासन पर लगाया आरोप
परिजनों का आरोप है कि वे एक दिन पहले जेल में राकेश से मुलाकात करके आए थे, तब उसे किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं थी. परिजनों ने बताया कि घटना के बारे में डॉक्टरों और जेल प्रशासन से बात की गई है, लेकिन कोई भी स्पष्ट जवाब नहीं दे रहा है.
मृतक के भाई ने बयां किया अपना दर्द
मृतक के भाई सुरेश ने बताया कि मेरे भाई पर 2017 में 307 का मुकदमा दर्ज किया गया था. 11 महीने जेल काट चुका था. बीच में जमानत पर भी छूट आया था, उसके बाद सजा हो गई. सजा के बाद मैं राकेश से अक्सर मिलने आया करता रहता था. एक दिन पहले भी जेल में मिलने आया था. राकेश बिल्कुल ठीक था. मुझे उसने कोई परेशानी नहीं बताई थी. हमको 1:30 बजे सूचना मिली कि वह सीरियस है.