अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 संक्रमण से ग्रस्त रोगियों के लिए प्लाज्मा थेरेपी शुरू की गई है. एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने जानकारी देते हुए बताया कि कोविड-19 संक्रमित रोगियों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहायक सिद्ध हुई है. मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग के ब्लड बैंक में प्लाज्मा बैंक स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. इससे प्लाज्मा थेरेपी के लिए कोरोना संक्रमण से स्वस्थ हुए रोगियों से प्लाज्मा को हासिल कर उसे संग्रह कर सुरक्षित रखना संभव हो सकेगा.
कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने आशा व्यक्त की है कि प्लाज्मा थेरेपी से रोगियों के शीघ्र स्वस्थ होने का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा. उन्होंने कहा कि एएमयू का जेएन मेडिकल कॉलेज कोविड-19 महामारी की रोकथाम के उपचार में सक्रिय योगदान दे रहा है. वहीं जेएन मेडिकल कॉलेज के सीएमएस प्रो. शाहिद सिद्दीकी ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों को प्लाज्मा के संग्रहण और भंडारण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पैथोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. एसएच आरिफ ने कोविड रोगियों से अपील करते हुए कहा कि वह पूर्ण रूप से स्वस्थ्य होने के 14 दिनों के बाद प्लाज्मा दान कर सकते हैं.
प्रो. शाहिद सिद्दीकी ने बताया कि किडनी नर्वस सिस्टम और अन्य हेमाटोलॉजिकल समस्याओं से जूझ रहे रोगियों को अब प्लाज्माफेरेसिस प्रक्रिया के लिए अलीगढ़ से बाहर बडे़ अस्पतालों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी. अब उन्हें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के डायलिसिस यूनिट नेफ्रोलॉजी डिवीजन में ही गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से रोगियों के लिए स्थापित आधुनिक मशीन से प्लाज्माफेरेसिस की सुविधा उपलब्ध होगी.