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अलीगढ़: AMU से उठी आवाज, नागरिकता संशोधन विधेयक की पुन: समीक्षा करे सरकार - इजरायल मॉडल

नागरिकता संसोधन विधेयक को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) से बड़ा विरोध सामने आ रहा है. जहां किसी ने कहा कि सरकार देश में इजरायल मॉडल को ला रही है तो किसी ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से इसकी फिर से समीक्षा करने की मांग की.

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एएमयू में नागरिकता संसोधन विधेयक का विरोध.

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Published : Dec 9, 2019, 11:40 PM IST

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय मेंनागरिकता संसोधन विधेयक यानि सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल को लेकर विरोध के सुर तेज हो रहे हैं. बिल को मौलिक अधिकारों के खिलाफ बताया जा रहा है. साथ ही इस बिल को मजहब के नाम पर लाने का आरोप भी लगाया जा रहा है.

बिल का विरोध हुआ तेज.

बिल को सपोर्ट करने वाले एंटी नेशनल
एएमयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने कहा है कि जो लोग बिल को सपोर्ट कर रहे हैं, वे एंटी नेशनल हैं और जो सियासी पार्टी इसको सपोर्ट कर रही हैं, वे देश में राजनैतिक ध्रुवीकरण पैदा करना चाहते हैं.

वोट बैंक के लिए लाया जा रहा बिल
सलमान ने कहा कि वोट बैंक न छिटके, इसलिए यह बिल लाया जा रहा है. नफरत की सियासत करने वाले देश में फिर से टू नेशन थ्योरी को लागू करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि यह महात्मा गांधी के विजन का मर्डर है. यह न्याय और समानता के सिद्धांतों के खिलाफ है.

देश में लागू किया जा रहा इजरायल मॉडल
इजरायल मॉडल पर देश को लाया जा रहा है. सरकार का माइंड सेट हेट थ्योरी पर आधारित है, जिसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

अल्पसंख्यकों को टारगेट कर रही बिल
वहीं, एएमयू टीचर एसोसिएशन के सचिव नजमुल इस्लाम ने बिल को लेकर राष्ट्रपति को पत्र लिखा है और बिल को अल्पसंख्यकों को टारगेट करने वाला बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर फिर से रिव्यू करना चाहिए.

नजमूल इस्लाम ने कहा कि हम देश के नागरिक हैं और सरकार हमारी है. इसलिए हम प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से अनुरोध करते हैं कि बिल को रिव्यू करें. उन्होंने कहा कि बिल असंवैधानिक है. अगर रिलीजियश लाइन निकाल दें तो ठीक रहेगा. जो अवैध घुसपैठिये हैं, उनको हटाया जाए.

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उन्होंने कहा कि कोई भी राजनैतिक दल या हुकूमत हो, वह देश और संविधान से ऊपर नहीं है. उसे संविधान के दायरे में रहकर काम करना है.

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