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ममता शर्मसार: झाड़ियों में मिला नवजात, जान बचाकर ग्रामीणों ने अपनाया - up news

अलीगढ़ में शनिवार को ममता शर्मसार हुई है, जहां एक नवजात बच्चा लावारिस हालत में झाड़ियों के बीच मिला. सूचना पर पुलिस और चाइल्ड लाइन टीम मौके पर पहुंची. चाइल्ड लाइन टीम गंभीर हालत में नवजात को जे.एन. मेडिकल कालेज में देर रात भर्ती कराया है. नवजात बच्चे का उपचार जारी है.

जान बचाकर ग्रामीणों ने अपनाया
जान बचाकर ग्रामीणों ने अपनाया

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Published : Aug 1, 2021, 12:42 PM IST

अलीगढ़: अलीगढ़ में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना घटी है. जिले के थाना पाली मुकीमपुर के गांव रायपुर खास में हुई है, जहां एक पत्थर दिल मां अपने नवजात को झाडियों में फेंक गई. जिसे आवारा जानवर नोंच रहे थे. नवजात के रोने की आवाज जब ग्रामीणों ने सुनी तो उसकी जान बचाई, लेकिन तब तक आवारा जानवर नवजात को घायल कर चुके थे. ग्रामीण आनन फानन में नवजात को लेकर बिजौली के सरकारी अस्पताल में लेकर पहुंचे. जहां सूचना पर पुलिस और चाइल्ड लाइन टीम मौके पर पहुंची. चाइल्ड लाइन टीम गंभीर हालत में नवजात को जे.एन. मेडिकल कालेज में देर रात भर्ती कराया है. नवजात बच्चे का उपचार जारी है. पुलिस नवजात को फेंकने वालों की तलाश कर रही है.



वहीं, झाड़ियों में मिले नवजात को गोद लेने के लिए ग्रामीण ललायित दिखे. हालांकि एक किसान नन्हें की पत्नी ने बच्चे को तुरंत अपनी गोद में ले लिया. नन्हें किसान की पत्नी का अपना कोई बच्चा नहीं है. बच्चे को गोद में लेकर किसान की पत्नी की खुशी का ठिकाना नहीं था. हालांकि गांव के कई अन्य महिलाएं भी बच्चे को रखने को तैयार थी. लेकिन किसान की पत्नी ने किसी को नवजात शिशु नहीं दिया. रात में जब पुलिस घर पहुंची, तब भी किसान की पत्नी ने नवजात को खुद से दूर करने को तैयार नहीं थी. पुलिस ने किसान नन्हे और उसकी पत्नी को समझाया कि इस तरह से नवजात शिशु को नहीं रख सकते. हालांकि पुलिस के समझाने पर किसान दंपत्ति नवजात को देने के लिए तैयार हुए. वहीं, नवजात को देर रात इलाज के लिए जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया.



जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह ने बताया कि रायपुर खास के रहने वाले नन्हें और अन्य ग्रामीणों को झाड़ियों में एक नवजात रोता हुआ मिला था. नवजात को जंगली जानवर नोंच रहे थे. किसी तरह बालक को जानवरों से बचाकर उसकी नाल कटवाकर साफ करवाया गया है. नन्हे यादव उसे अपने घर लेकर गए और दूध पिलाया. नवजात को रोता देख ग्रामीणों की सलाह पर वह बालक को बिजौली स्थित सरकारी अस्पताल में लेकर गए. नवजात के सिर पर घाव है. हालांकि उसे सरकारी अस्पताल में टिटनेस का इंजेक्शन लगाया गया. इसके बाद चाइल्ड लाइन की टीम ने नवजात की हालत नाजुक होने पर जे.एन. मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है, जहां नवजात एस.एन.सी.यू. में भर्ती है.


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