अलीगढ़: जिले में सीएए, एनआरसी और एनपीआर को समझाने के लिए जवाहर लाल मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर मैदान पर पैनल डिश्कशन का आयोजन किया गया, जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और इतिहासकार इरफान हबीब ने भाग लिया.
इस मौके पर मेधा पाटकर ने कहा कि एएमयू में जो हुआ है, उसे सुनकर हैरान हूं. उन्होेंने कहा कि ऐतिहासिक विश्वविद्यालय शिक्षा का केंद्र है, लेकिन इस पर लक्ष्य बनाकर हमला किया गया.
मेधा पाटकर ने कहा कि युवाओं ने ही राष्ट्रीय आंदोलनों का नेतृत्व किया है. मेधा पाटकर ने कहा कि सीएए नोटिफाई हो गया, लेकिन जनता की कोर्ट में हारते जा रहे हैं. क्योंकि सांसदों के बनाये कानून जनवादी नहीं होते हैं. सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध करना चाहिए. संविधान के बुनियादी अधिकारों को कुचला जा रहा है, इसीलिये विरोध करना चाहिए. .
मुस्लिम महिलाएं भी आंदोलन में शामिल
सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि यूपी में हिंसा का नाच देखा है. आज भी सैकड़ों लोग गिरफ्तार हैं. अज्ञात के नाम पर झूठे आरोपों के तहत एफआईआर दर्ज किये गये हैं. आज मुस्लिम महिलाएं भी सामने आ कर आंदोलन में शामिल हो रही हैं.