अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह (kalyan singh) की सेहत के लिए महामृत्युंजय जाप (Mahamrityunjaya Mantra) और हवन यज्ञ का आयोजन अहिल्या बाई होल्कर स्टेडियम के मंदिर प्रांगण में किया गया. लोगों ने कल्याण सिंह की लंबी उम्र और स्वास्थ्य में जल्द सुधार के लिए प्रार्थना की. मालूम हो कि कल्याण सिंह इन दिनों बीमार हैं और उनका इलाज लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई (Lucknow SGPGI) में चल रहा है. आयोजन के दौरान कल्याण सिंह के किए गए कार्यों को याद किया गया. बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि कल्याण सिंह ने अलीगढ़ से राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. आरएसएस (RSS) और जनसंघ से जुड़कर वे राजनीति के शिखर तक पहुंचे.
अस्पताल में भर्ती कल्याण सिंह के जल्द स्वस्थ होने के लिए उनके शुभचिंतकों ने ईश्वर से कामना की. कहते हैं कि कल्याण सिंह ने अलीगढ़ के छोटे से गांव मढ़ौली से राजनीति शुरू की. वे अतरौली विधानसभा से दस बार विधायक रह चुके हैं. 1991 में पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. भाजपा की वरिष्ठ कार्यकर्ता रीता राजपूत बताती हैं कि कल्याण सिंह खुद ही प्रचार करते थे और खुद की नेता बनकर मंच पर बोलते थे. यही कारण था कि लोगों का जुड़ाव उनसे होता गया. रीता राजपूत बताती हैं कि कल्याण सिंह की वजह से ही भाजपा की यूपी में सरकार बनी थी. राम मंदिर निर्माण में भी मुख्य भूमिका रही. सत्ता से उन्हें मोह नहीं रहा और राम मंदिर के लिए उन्होंने सत्ता से इस्तीफा भी दे दिया था.
कल्याण सिंह यूपी में भारतीय जनता पार्टी के मुख्य हीरो रहे. कल्याण सिंह ने साइकिल चलाकर जनसंघ को मजबूत करने का काम किया. अतरौली से अलीगढ़ शहर की दूरी करीब 35 किलोमीटर है. साथी बताते हैं कि शुरुआती दिनों में आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वे पैदल ही जनसंघ पार्टी के महानगर कार्यालय आते थे. तब उनके पास साइकिल भी नहीं थी. तब इतने पैसे नहीं थे कि बस से आएं या फिर होटल में खाना खायें. रीता राजपूत बताती हैं कि जब उन्हें भूख लगती थी तो वे जनसंघ से जुड़े लोगों के परिवार में जाते थे और नमक के साथ पराठे खाकर अपनी भूख मिटाते थे. आज प्रदेश में ही नहीं राष्ट्र में उनका नाम लिया जाता है.