अलीगढ़: टिड्डियों के दल को टप्पल के रास्ते यमुना नदी को पार कर हरियाणा के पलवल क्षेत्र में भगाया गया. ये टिड्डी दल अलीगढ़ में जमीन की सतह से ऊंचाई पर था और करीब एक किलोमीटर लंबा दल था, जिसे यमुना नदी को पार कर हरियाणा की सीमा में पहुंचा दिया गया. इस दौरान अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र में फसल को नुकसान नहीं पहुंचा है. बताया जा रहा है कि हवा की दिशा पूरब से पश्चिम होने पर टिड्डी दल अलीगढ़ वापस नहीं लौट सकेगा.
टिड्डियों के आने से किसानों की चिंता काफी बढ़ गई. बताया जा रहा है कि गभाना क्षेत्र में मक्का, अरहर, ढैंचा और धान की पौध, ज्वार, आम के बागों में टिड्डी दल ने नुकसान पहुंचाया है. वहीं किसान थाली, कनस्तर, ढोल के जरिए तेज आवाज के साथ टिड्डियों को भगाने में जुटे रहे. बताया जा रहा है कि गभाना, सोमना, भीमपुर, जखौरा, वीरपुरा गांव में फसलों और आम के बाग को नुकसान पहुंचा है.
कृषि रक्षा अधिकारी राजेश कुमार ने देर शाम प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि टिड्डियों का दल दो भागों में विभाजित हो गया है. एक भाग घांघौली और दूसरा भाग टप्पल के रास्ते यमुना नदी को पार कर हरियाणा राज्य के पलवल इलाके में चला गया है. यह टिड्डी दल जमीन की सतह से काफी ऊंचाई पर था और एक किलोमीटर लंबा दल ऊंचाई पर होने के कारण किसी भी फसल को टप्पल इलाके में नुकसान नहीं पहुंचा. टिड्डी दल के लिए कृषि विभाग द्वारा छिड़काव के लिए रसायन और स्प्रे मशीन की पूर्ण व्यवस्था की गई है.
कृषि रक्षा अधिकारी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति. अलीगढ़ के कृषि रक्षा अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि संभल के जुनावई विकास खंड के गांव मिठनपुर, रघुपति पुख्ता, इसनपुर, डाडा, साधूगढ़ी के रास्ते अलीगढ़ जनपद में प्रवेश करने वाला टिड्डी दल आलमपुर, दादों, अतरौली, जवां, गभाना, चंडौस, जट्टारी, टप्पल होता हुआ दो भागों में बंट गया. एक भाग घांघौली के रास्ते और दूसरा दल टप्पल के रास्ते यमुना नदी को पार कर हरियाणा राज्य के पलवल में चला गया है.
कृषि रक्षा अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि कल सूरज निकलने के साथ हवा के रुख पर निर्भर करेगा कि टिड्डी दल का मूवमेंट किधर होगा. वहीं हरियाणा सरकार पर निर्भर करता है कि टिड्डियों पर कैसे कंट्रोल करते हैं. उन्होंने बताया कि हवा का रुख पूरब से पश्चिम होने पर टिड्डी दल दोबारा अलीगढ़ की तरफ रुख नहीं करेगा. वे फरीदाबाद और गुड़गांव की तरफ जा सकते हैं. वहीं उन्होंने बताया कि अगर हवा पश्चिम से पूरब की तरफ चलेगी तो टिड्डी दल वापस लौट सकता है.
ये भी पढ़ें-अलीगढ़: 'पीजो सेंसर' डिवाइस बताएगी कंक्रीट के इमारत की मजबूती