अलीगढ़ :देशभर में अपनी अलग पहचान रखने वाले अलीगढ़ के ताले एक बार फिर महंगे हो गए हैं. दरअसल, लॉकडाउन के संकट के बाद ताला कारोबार पर महंगाई की मार पड़ी है. कच्चे माल की कीमत 35 फीसदी तक बढ़ गई है. इसका ताले के बाजार पर असर दिखने लगा है. ताला निर्माताओं ने 15 से 20 फीसदी तक उत्पादन के रेट बढ़ा दिये हैं. इससे सबसे ज्यादा प्रभावित ट्रेडर हो रहे हैं. वहीं, ताले की कीमतों में इजाफा होने से बाजार से ग्राहक गायब हैं. मंदी की मार झेल रहे ताला कारोबारी अब दाम बढ़ने से बिक्री का संकट झेल रहे हैं.
तालों के दाम बढ़ने की वजह
मार्च 2019 से ही लॉक इंडस्ट्री तमाम झंझावतों से जूझ रही है. रियल स्टेट डाउन होने के चलते डोर, फर्नीचर फिटिंग के आर्डर नहीं मिल रहे हैं. देश के विभिन्न राज्यों में ताला, हार्डवेयर उत्पादन की सप्लाई करने वाले सप्लायर्स व ट्रेडर्स को पहले की तरह न तो आर्डर मिल रहे थे और न ही एक मुश्त भुगतान मिल रहा था. बाजार में बुक ऑर्डर भी रोक दिए गए थे. इससे मैन्युफैक्चरिंग धराशायी हो गई. देशी-विदेशी बाजार में ताले के मांग की कमी रही. जुलाई 2019 से वाणिज्यिक गतिविधियां जब तेज हुई तो अगस्त से कच्चे माल पर दो से पांच रुपये प्रति किलो तक दाम बढ़ते चले गए. देखते ही देखते लोहा, पीतल, जस्ता और निकिल के रेट आसमान पर पहुंच गए.
धातुओं की कीमत तेजी से बढ़ी