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किन्नर समाज ने पूरा किया गरीब परिवार का सपना, बेटी को गोद लेकर कराया निकाह - eunuchs adopted poor daughter

अलीगढ़ में किन्नर एकता समिति के किन्नरों ने गरीब परिवार की बेटी को गोद लेकर निकाह करवाया. इसके साथ ही बेटी को सभी समान के साथ बेटी को विदा किया. समिति की अध्यक्ष ने बताया कि इंसानियत के नाते हम ये सब करते हैं.

किन्ररों गोद लेकर बेटी का कराया निकाह
किन्ररों गोद लेकर बेटी का कराया निकाह

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Published : Jun 28, 2023, 10:46 PM IST

किन्ररों गोद लेकर बेटी का कराया निकाह

अलीगढ़: जनपद में किन्नर समाज इंसानियत का आईना दिखा रहा है. शादी विवाह में नेग मांगने वाले किन्नरों ने गरीब की बेटी को गोद लेकर निकाह कराया है. किन्नर समुदाय के लोगों ने ढोल ताशे के साथ बारात में जमकर डांस भी किया. वहीं, नम आंखों से गोद ली हुई बेटी को विदा किया. इसी के साथ बेटी को दहेज का सामान और पैसे से भी मदद की.


नई बस्ती में रहने वाली सलमा को किन्नर समाज ने गोद लिया था. निकाह तय होने पर सलमा का मुस्लिम रीति रिवाज से निकाह कराया. शिवम किन्नर ने बताया कि अपने घर पर बारात बुलाई और बेटी का निकाह पढ़ाया. शादी में बेटी को मंगलसूत्र, अंगूठी, टॉप्स, नोजपिन, आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बर्तन, कपड़े आदि सामान दिया है. अब तक किन्नर समाज गरीब परिवार की 4 बेटियों की शादी करा चुका है. शिवम ने बताया कि किन्नर एकता समिति अपनी नेग की कमाई से ऐसे कार्य कर आत्म संतुष्टि मिलती है.

किन्नर एकता समिति की अध्यक्ष चवन्नी माई ने बताया कि गरीब बेटियों की शादी में होने वाली कमियों को पूरा करते हैं. अगर कोई बेटी बहुत गरीब है तो अपनी तरफ से पूरी मदद करते हैं. उसकी शादी का पूरा खर्चा उठाते है. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही धार्मिक कार्य में भी सहयोग करते हैं. इसी के साथ ऐसे लोगों की भी मदद करते हैं, जो अपना इलाज कराने में असमर्थ है और वृद्ध आश्रम भी मदद देते हैं. चवन्नी माई ने कहा कि हमारे हाथों से जितने लोगों की भी मदद हो जाएं, उतना अच्छा है.


वैशाली किन्नर ने बताया कि समाज के लिए सेवा का काम करते हैं. जैसे गरीब बेटियों की शादी करा रहे हैं. इंसानियत के नाते जितना कर सकते हैं, उतना कर रहे हैं. शिवम किन्नर बताती है सामाजिक और धार्मिक कार्यों में भी किन्नर समाज लगा हुआ है. गोद ली हुई बेटी सलमा को अपने घर से विदा कर दिया है. उसके मां-बाप बनकर हमने कन्याादान भी किया है. उन्होंने बताया कि हम किसी धर्म में भेदभाव नहीं करते है. सभी धर्मों की बेटियों की शादियां कराते हैं. जब हम सभी धर्मों से नेग मांगने जाते हैं, तो सहयोग करना भी हमारा कर्तव्य बनता है.

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