अलीगढ़ : देश में इस समय बुर्के को लेकर बहस छिड़ी है. श्रीलंका में आतंकी घटना के बाद वहां बुर्के पर पाबंदी लगाई गई तो केरल के एक शिक्षण संस्थान में भी बुर्के पर बैन लगा दिया गया. वहीं शिवसेना की तरफ से भी बुर्के पर बैन की आवाज उठी. यूपी में भाजपा विधायक संगीत सोम ने बुर्के पर बैन को लेकर वीडियो वायरल किया. आखिर इस बुर्का या पर्दा प्रथा का चलन कहां से हुआ? इस पर प्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफेसर इरफान हबीब ने ईटीवी भारत से बात कर रोशनी डाली.
जानें, क्या बोले इतिहासकार इरफान हबीब
- इस्लाम में पर्दे का चलन था, लेकिन उससे पहले यूनानी सभ्यता में पर्दादारी के ऐतिहासिक प्रमाण मिलते हैं.
- यूनानी सभ्यता में मिली मूर्तियों में औरतों को पर्दे के साथ चित्रित किया गया है. इससे पता चलता है कि बुर्का प्रथा इस्लाम से पहले मौजूद थी.
- शुरुआत की सभ्यता में पर्दा नहीं था, यह पैगंबर मोहम्मद साहब के समय से शुरू हुई.
- मुस्लिम औरतें काम बुर्के में नहीं कर सकती थीं. उन्हें मेहनत करनी पड़ती थी. पत्थर कूटना, चूना बनाना, सूत काटना, खेत में हल चलाना आदि काम करना पड़ता था.