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'देश का एकीकरण चाहते थे नाथूराम गोडसे': हिन्दू महासभा

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अखिल भारत हिन्दू महासभा ने नाथूराम गोडसे के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष गजेन्द्र पाल ने कहा कि नाथूराम गोडसे देश का एकीकरण चाहते थे, इसलिए हमें उनका अनुकरण करना चाहिए.

अखिल भारत हिन्दू महासभा ने नाथूराम गोडसे के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की.

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Published : Nov 15, 2019, 10:32 PM IST

अलीगढ़: अखिल भारत हिन्दू महासभा ने नौरंगाबाद स्थित आजाद भवन में नाथूराम गोडसे के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. आज ही के दिन 15 नवंबर 1949 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को अंबाला जेल में फांसी दी गई थी. इससे पहले भी अखिल भारत हिन्दू महासभा ने नाथूराम गोडसे को शहीद का दर्जा देने की मांग की थी.

जानकारी देते अखिल भारत हिन्दू महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष.

अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष गजेन्द्र पाल ने कहा कि देश की युवा पीढ़ी को नाथूराम गोडसे की देश भक्ति और देश प्रेम की भावना को समझने की आवश्यकता है.

हिंदू महासभा इससे पहले सीडी, सेमिनार और किताबों के माध्यम से गोडसे की भावनाओं के बारे में लोगों को बताने की कवायद कर चुका है. उसका मानना है कि महात्मा गांधी की हत्या करने के पीछे जो कारण थे, वह सामने लाने की आवश्यकता है.

30 जनवरी 1948 को बापू की हत्या कर दी गई थी. गोली मारने से पहले गोडसे ने उन्हें नमन भी किया था. इसके बाद पिस्तौल तान दी थी और गोलियां बरसा कर बापू की हत्या कर दी थी. मौके पर मौजूद लोगों ने नाथूराम गोडसे को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. जिसके बाद 15 नवंबर 1949 को अंबाला जेल में नाथूराम गोडसे को फांसी दे दी गई थी.

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वहीं अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता गांधीजी के पुतले के जरिए हत्या का सीन दोहराने के मामले में जेल जा चुके हैं. थाना गांधी पार्क में इस मामले में 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिन्हें कोर्ट के सामने भी पेश किया गया. हालांकि अभी वे सभी जमानत पर बाहर हैं.

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नाथूराम गोडसे कभी देश के खिलाफ नहीं रहे, वे देश के बंटवारे के खिलाफ रहे. गांधी जी ने भी कहा था कि देश का बंटवारा होगा तो मेरी मौत पर होगा, लेकिन देश का बंटवारा हुआ और गांधी जी जिंदा रहे. इस दौरान 50 लाख लोग मारे गए. गोडसे देश का एकीकरण चाहते थे. इसलिए हमें उनका अनुकरण करना चाहिए.
- गजेन्द्र पाल सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष, अखिल भारत हिन्दू महासभा

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