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हिंदू महासभा ने की थी जुमे की भीड़ प्रतिबंधित करने की मांग, गजेंद्र पाल सिंह आर्य का दावा - Hindu Mahasabha

अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष एडवोकेट गजेंद्र पाल सिंह आर्य ने दावा किया है कि देश में जुमे की नमाज के बाद हुए उपद्रव के पहले ही उनकी नेता साध्वी अन्नपूर्णा भारती ने प्रशासन को चेताया था कि जुमे के दिन क्या होता है, लेकिन प्रशासन ने उल्टा साध्वी अन्नपूर्णा भारती पर ही मुकदमा लिख दिया.

हिंदू महासभा.
हिंदू महासभा.

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Published : Jun 11, 2022, 1:41 PM IST

अलीगढ़:अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष एडवोकेट गजेंद्र पाल सिंह आर्य ने देश में जुमे की नमाज के बाद हुए उपद्रव पर कहा कि हमारी नेता हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय सचिव महामंडलेश्वर डॉ. अन्नपूर्णा भारती ने पहले ही प्रशासन को बता दिया था कि जुमे के दिन क्या होता है, लेकिन प्रशासन ने उल्टा साध्वी अन्नपूर्णा भारती पर ही मुकदमा लिख दिया. उनके द्वारा दिए हुए ज्ञापन की एक बात सच साबित हुई और जनता की सुरक्षा करने वाले सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी घायल हुए. जिसका नतीजा आज पूरा देश दंगे की आग में जलता हुआ दिखाई दे रहा है. हैदराबाद ,पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड ,महाराष्ट्र कोई ऐसी जगह नहीं है. जहां पर जुमे की नमाज के बाद उपद्रव न हुआ हो और अधिकांश प्रशासनिक अधिकारी और पुलिसकर्मी घायल हुए है.

जानकारी देते हिन्दू महासभा प्रदेश उपाध्यक्ष गजेन्द्र पाल सिंह.

हिन्दू महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रशासन को महामंडलेश्वर डॉ अन्नपूर्णा भारती पर लिखे गए मुकदमा वापस लेना चाहिए और माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने आने वाले भविष्य की परिकल्पना को देखते हुए ज्ञापन दिया था. अगर सरकार उस ज्ञापन पर गौर कर लेती और जुमे की नमाज पर इकट्ठा होने वाली भीड़ पर प्रतिबंध लगा दिया होता तो आज ऐसे हालात पैदा न होते. उन्होंने बताया महामंडलेश्वर डॉ. अन्नपूर्णा भारती ने इससे पहले एक तहरीर बरेली के मौलाना तौकीर रजा के गृहयुद्ध छिड़ने की धमकी के बयान पर थाना गांधी पार्क में भी दी थी. उसके खिलाफ भी मुकदमा लिखने की मांग की गई थी. परंतु प्रशासन ने आज तक उस पर कोई सुनवाई नहीं की.

एडवोकेट गजेंद्र पाल सिंह आर्य ने बताया कि आज के हालात यह कह रहे हैं कि तौकीर रजा इस देश को गृह युद्ध की आग में झोंकना चाहता हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सत्ता उन्हें स्वीकार नहीं हो रही है. नूपुर शर्मा के बयान पर इस्लामिक स्कॉलर एवं मौलवी स्पष्टीकरण दें कि नूपुर शर्मा ने गलत कहा है. भीड़ के आधार पर किसी के लिए फांसी की मांग करना. यह भारत के संविधान में नहीं है.

महामंडलेश्वर डॉ. अन्नपूर्णा भारती के खिलाफ मुकदमा लिखा गया है. उन्होंने भारत के इतिहास में काले अक्षरों में लिखी हुई उन तारीखों का जिक्र अपने ज्ञापन में किया था. जब इस देश में हिंदुओं पर हमला हुआ और वह दिन जुमा था, फिर भी उनके खिलाफ मुकदमा लिखा गया. प्रशासन द्वारा की जाने वाली यही कार्रवाई दंगाइयों के हौसले बुलंद करती है.

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