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CAA प्रदर्शन: सोनिया गांधी, प्रियंका और राहुल के खिलाफ परिवाद मामले में 30 जुलाई को होगी सुनवाई - सीएए के खिलाफ प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में भाजपा नेता मयंक अग्रवाल ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ अलीगढ़ कोर्ट में देशद्रोह, राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान और लोगों को भड़काने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए परिवाद दर्ज कराया था. इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई के लिए 30 जुलाई की तारीख तय की है.

अलीगढ़
अलीगढ़ न्यायालय

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Published : Jun 4, 2020, 3:24 PM IST

अलीगढ़: कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के खिलाफ देशद्रोह, राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान और लोगों को भड़काने का प्रयास करने का परिवाद अलीगढ़ कोर्ट में दर्ज किया गया है. भाजपा नेता मयंक अग्रवाल ने अलीगढ़ ACJM-2 कोर्ट में 18 मार्च को शिकायत दर्ज कराई थी. नागरिकता संशोधन बिल को लेकर भड़काऊ बयान को लेकर इसका आधार बनाया था. हालांकि लॉकडाउन के चलते कोर्ट में सुनवाई नहीं हो पाई थी. वहीं अब कोर्ट ने 30 जुलाई को अगली सुनवाई की तारीख दी है.

भाजपा के पूर्व जिला मीडिया प्रभारी मयंक अग्रवाल ने 11 फरवरी को संसद में बहुमत से पारित नागरिक संशोधन बिल को लेकर राजनीतिक लोगों पर आम जनता को भड़काने का आरोप लगाया है. आरोप है कि 14 दिसंबर 2019 को दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस की ओर से आयोजित सभा में सोनिया गांधी ने मंच से CAA के खिलाफ जनता को भड़काने, उकसाने और आक्रोशित कर देश में अराजकता का माहौल बनाया था. उन्होंने कोर्ट की ओर से शिकायती पत्र में कहा है कि सोनिया गांधी ने अपने बयानों से जनता को भ्रमित किया. भाजपा नेता मयंक अग्रवाल ने राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा पर भी लोगों को भड़काने और आक्रोशित करने का आरोप लगाया है.

मयंक अग्रवाल ने बताया कि सोची समझी साजिश के तहत देश में अस्थिरता फैलाने के लिए बयान दिए गए, ताकि देश में विद्रोह के कारण हिंसा और कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो. उन्होंने बताया कि कांग्रेस नेताओं के बयान से जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में हिंसक आंदोलन की शुरुआत हुई, जिससे पूरे देश में हिंसक आग फैल गई. सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ व आग लगाकर क्षति पहुंचाई गई और कई निर्दोष लोगों की जान चली गई. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दायर याचिकाओं पर सुनवाई करने से तब तक के लिए मना कर दिया था, जब तक कि हिंसा समाप्त नहीं हो जाती. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी हिंसक आंदोलन हुआ, जिससे आम जनता परेशान रही. इस पूरे मामले में ACJM-2 कोर्ट ने सुनवाई के लिए 30 जुलाई की तारीख दी गई है.

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