अलीगढ़: रोटी, कपड़ा, मकान इंसान की बुनियादी जरूरतें हैं. आजादी के 70 साल बाद भी देश की सरकार इसको पूरा करने में लगी हुई है. चुनाव आते ही प्रधानमंत्री आवास योजना पर तेजी से काम शुरू किया जा रहा है. हालांकि इससे पहले इस योजना के लिए जिला प्रशासन के पास जमीन नहीं थी, लेकिन शासन से फटकार के बाद जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए जमीन मुहैया कराई है.
प्रधानमंत्री आवास बन तो रहा है लेकिन जरूरतमंद के पास अभी भी मकान नहीं - अलीगढ़ न्यूज
शासन ने बरौला जाफराबाद, मथुरा रोड स्थित सहारनपुर गांव, मंजूर गढ़ी, छेरत सुद्याल 5 में जमीन चिह्नित की है. बरौला जाफराबाद में अलीगढ़ विकास प्राधिकरण ने निर्माण कार्य शुरू करा दिया है.
बरौला जाफराबाद में अलीगढ़ विकास प्राधिकरण ने निर्माण कार्य शुरू करा दिया है.
शासन ने बरौला जाफराबाद, मथुरा रोड स्थित सहारनपुर गांव, मंजूर गढ़ी, छेरत सुद्याल 5 में जमीन चिह्नित की है. बरौला जाफराबाद में अलीगढ़ विकास प्राधिकरण ने निर्माण कार्य शुरू करा दिया है. 2022 तक मोदी सरकार ने हर बेघर को घर उपलब्ध कराने का वादा किया है. देहात और शहर के लिए अलग-अलग प्रधानमंत्री आवास योजना चलाई है, लेकिन वास्तव में जरूरतमंदों को आवास नहीं मिल पा रहा है.
कलेक्ट्रेट पर सरकारी योजना के तहत आवास लेने वालों की भीड़ जमा रहती है. कई महीने पहले लोगों ने आवेदन किया था, लेकिन लिस्ट में नाम शामिल नहीं शामिल हुआ. इनमें मेल रोड बाईपास की रहने वाली कृष्णा देवी ने बताया कि पिछले कई दिनों से कलेक्ट्रेट के चक्कर काट रही हैं. वहीं दिव्यांग बबलू ने भी अपनी पीड़ा बयां की. उसने बताया कि पिता के कैंसर के इलाज में सब खत्म हो गया. उनको सरकारी मदद से आवास की दरकार है.
डूडा के अधिकारी प्रभात मिश्रा ने बताया कि ग्रामीण व शहरी गरीबों को 2022 तक आवास देने की योजना है. जिनकी आय तीन लाख से कम है, उनको आवास दिया जा रहा है. करीब 16,390 मकान देने के लिए आवेदन स्वीकृत हुए हैं. उन्होंने बताया कि 2022 तक योजना चलेगी. इसके तहत दो कमरों का सेट है. प्रभात मिश्रा ने बताया कि यह मकान नेशनल बिल्डिंग कोड के तहत नहीं आते हैं. उन्होंने बताया कि बनाए गए मकानों के निरीक्षण के लिए टीम बनाई गई है.