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राजा महेन्द्र प्रताप के वंशज को सम्मान नहीं देना राजा का अपमान : सपा

अलीगढ़ में राजा महेन्द्र प्रताप विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे थे. इस मौके पर राजा के वंशजों को भी वीआईपी पास देकर आमंत्रित किया गया था. लेकिन कार्यक्रम के वक्त राजा महेंद्र प्रताप के वंशज को मंच पर नहीं बुलाया गया था. इसको लेकर सपा मुद्दा बना रही है. सपा का कहना है कि यह राजा व उनके वंशजों का अपमान है.

सपा का भाजपा पर निशाना
सपा का भाजपा पर निशाना

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Published : Sep 15, 2021, 6:05 PM IST

अलीगढ़ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022)को लेकर सारी पार्टियां अपनी-अपनी राजनीतिक रोटी सेकने में जुट गई हैं. यही कारण है कि जैसे ही भाजपा ने राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर विश्विद्यालय का शिलान्यास किया, विपक्ष हमलावर हो उठा. सारी पार्टियों ने भाजपा पर चुनावी लाभ लेने का आरोप लगाया. लेकिन अब सपा ने एक नया मुद्दा उठाया है. सपा का कहना है कि राजा के वंशजों को मंच पर नहीं बुलाकर भाजपा ने राजा व उनके वंशज का अपमान किया है.

दरअसल, अलीगढ़ में राजा महेन्द्र प्रताप विश्वविद्यालय के शिलान्यास के मौके पर उनके वंशजों को बुलाया तो गया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात नहीं हो पाई. राजा महेन्द्र प्रताप के वंशज चरण प्रताप सिंह को वीआईपी पास तो दिया गया, लेकिन मंच तक सरकारी अधिकारी नहीं ले गये. हालांकि चरण प्रताप ने इसे अपने परदादा राजा महेन्द्र प्रताप का दिन बताया और कहा कि इसका कोई अफसोस नहीं है. साथ ही राजा के वंशज चरण प्रताप ने कहा कि यह सरकार का ऐतिहासिक फैसला है. और विश्वविद्यालय बनाकर सम्मान दिया है. उन्होंने कहा कि राजा महेन्द्र प्रताप ने देश के लिए बहुत त्याग और कुर्बानी दी थी.

सपा का भाजपा पर निशाना

लेकिन इस बात को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद चौधरी विजेंदर सिंह दुर्भाग्यपूर्ण बताते हैं. देश के प्रधानमंत्री ने राजा महेन्द्र प्रताप के नाम पर विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया, उनके वंशज चरण प्रताप सिंह को पीएमओ और मुख्यमंत्री कार्यालय से निमंत्रण दिया गया. लेकिन उनको बुलाकर बेइज्जत करने की पराकाष्ठा की गई. वे वीआईपी गैलरी में बैठे रहे. मास्क उतारकर अपने चेहरे को दिखाते रहे, लेकिन उनको मंच पर बुलाया तक नहीं. उन्होंने कहा- कि उनका नाम भी नहीं लिया गया और उनके परिवार की महिमामंडन के साथ सम्मान नहीं किया गया.

पूर्व सांसद विजेंद्र सिंह ने आगे कहा कि जिस मंच पर भाजपा के 20-20 लोग बैठे थे, उस मंच पर जाट समाज का कोई भी व्यक्ति बैठाया नहीं गया. क्योंकि राजा महेंद्र प्रताप ने जाट समाज में जन्म लिया था. उन्होंने कहा कि इस अपमान का बदला जाट समाज वोट की ताकत से देगा. उन्होंने कहा कि सिर्फ राजा के नाम पर बनाए यूनिवर्सिटी से वोटों की फैक्ट्री चलाना चाहते हैं. भाजपा मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत की रैली से भयभीत हैं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की बात की जाए, तो इसमें प्रदेश की सरकार का कोई योगदान नहीं है. दलित और पिछड़ों की जमीन को डंडों के जोर पर कब्जा किया गया. आगरा विश्विद्यालय ने भाई-भाई के आधार पर 100 करोड़ का बजट दे दिया. उनका कहना था कि विश्विद्यालय बनाने के लिए छात्रों ने संघर्ष किया था, विश्वविद्यालय तो बनना ही था, आज नहीं तो कल बन जाता. उन्होंने कहा कि भाजपा केवल वोट के लिए राजा महेंद्र प्रताप का इस्तमाल कर रही है, यह बड़े ही धिक्कार की बात है.

वहीं डिफेंस कारीडोर पर भी पूर्व सांसद विजेन्द्रर सिंह ने सवाल उठाए. पूर्व सांसद ने कहा कि चकबंदी में किसानों के ग्राम पंचायत की जमीन कौड़ियों के भाव उद्योगपतियों को दे दी गई. कुछ लोगों के रोजगार के लिए अरबों रुपए खर्च कर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है. केवल चुनाव के लिए डिफेंस कॉरिडोर और राजा महेंद्र प्रताप के नाम का ढिंढोरा पिटा जा रहा है, यह जनता जान गई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को ध्यान से सुना, जो केवल चुनावी भाषण था. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का महिमामंडन किया गया.

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उनका कहना था कि राजा महेन्द्र प्रताप की कुर्बानी को कैश करने का काम किया जा रहा है. प्रधानमंत्री छोटे किसानों की बात कर रहे थे, लेकिन आज तक फसलों का एमएसपी नहीं दे पायें और छोटे और बड़े किसानों के बीच में खाई पैदा करने का काम कर रहे हैं. पूर्व सांसद ने कहा कि 2022 चुनाव के लिए यह आयोजन पूरा एक नाटक था और इस आयोजन में भीड़ के लिए पूरा सरकारी तंत्र और सरकारी सत्ता का दुरुपयोग, सरकारी पैसों की बर्बादी के अलावा कुछ नहीं था. एक महापुरुष के नाम पर भाजपा राजनीति कर रही है. वे किसी दल के नहीं थे, पूरी जिंदगी भाजपा विचारों के खिलाफ लड़ते रहे.

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