अलीगढ़ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022)को लेकर सारी पार्टियां अपनी-अपनी राजनीतिक रोटी सेकने में जुट गई हैं. यही कारण है कि जैसे ही भाजपा ने राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर विश्विद्यालय का शिलान्यास किया, विपक्ष हमलावर हो उठा. सारी पार्टियों ने भाजपा पर चुनावी लाभ लेने का आरोप लगाया. लेकिन अब सपा ने एक नया मुद्दा उठाया है. सपा का कहना है कि राजा के वंशजों को मंच पर नहीं बुलाकर भाजपा ने राजा व उनके वंशज का अपमान किया है.
दरअसल, अलीगढ़ में राजा महेन्द्र प्रताप विश्वविद्यालय के शिलान्यास के मौके पर उनके वंशजों को बुलाया तो गया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात नहीं हो पाई. राजा महेन्द्र प्रताप के वंशज चरण प्रताप सिंह को वीआईपी पास तो दिया गया, लेकिन मंच तक सरकारी अधिकारी नहीं ले गये. हालांकि चरण प्रताप ने इसे अपने परदादा राजा महेन्द्र प्रताप का दिन बताया और कहा कि इसका कोई अफसोस नहीं है. साथ ही राजा के वंशज चरण प्रताप ने कहा कि यह सरकार का ऐतिहासिक फैसला है. और विश्वविद्यालय बनाकर सम्मान दिया है. उन्होंने कहा कि राजा महेन्द्र प्रताप ने देश के लिए बहुत त्याग और कुर्बानी दी थी.
पूर्व सांसद विजेंद्र सिंह ने आगे कहा कि जिस मंच पर भाजपा के 20-20 लोग बैठे थे, उस मंच पर जाट समाज का कोई भी व्यक्ति बैठाया नहीं गया. क्योंकि राजा महेंद्र प्रताप ने जाट समाज में जन्म लिया था. उन्होंने कहा कि इस अपमान का बदला जाट समाज वोट की ताकत से देगा. उन्होंने कहा कि सिर्फ राजा के नाम पर बनाए यूनिवर्सिटी से वोटों की फैक्ट्री चलाना चाहते हैं. भाजपा मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत की रैली से भयभीत हैं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की बात की जाए, तो इसमें प्रदेश की सरकार का कोई योगदान नहीं है. दलित और पिछड़ों की जमीन को डंडों के जोर पर कब्जा किया गया. आगरा विश्विद्यालय ने भाई-भाई के आधार पर 100 करोड़ का बजट दे दिया. उनका कहना था कि विश्विद्यालय बनाने के लिए छात्रों ने संघर्ष किया था, विश्वविद्यालय तो बनना ही था, आज नहीं तो कल बन जाता. उन्होंने कहा कि भाजपा केवल वोट के लिए राजा महेंद्र प्रताप का इस्तमाल कर रही है, यह बड़े ही धिक्कार की बात है.