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Sanjeev Raja Passed Away: अलीगढ़ के पूर्व भाजपा विधायक संजीव राजा का निधन - Sanjeev Raja passed away

Sanjeev Raja Passed Away: अलीगढ़ शहर के पूर्व भाजपा विधायक संजीव राजा 2017 में पहली बार विधायक बने. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से छात्र राजनीति में कदम रखने के बाद वह भाजपा संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों पर सक्रिय रहे.

Sanjeev Raja Died
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Published : Feb 11, 2023, 12:29 PM IST

अलीगढ़: शहर के पूर्व भाजपा विधायक संजीव राजा का शनिवार को आकस्मिक निधन हो गया. अपने 40 साल की राजनीतिक सफर में संजीव राजा ने भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री से शहर के विधायक का सफर तय किया था. पूर्व विधायक संजीव राजा के निधन से शहर में शोक का मौहाल है. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संजीव राजा के निधन पर शोक जताया. संजीव राजा ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से छात्र राजनीति में कदम रखा था. वह 2017 में पहली बार विधायक बने थे. इस दौरान वह भाजपा संगठन में कई पदों पर सक्रिय रहे. फिलहाल संजीव राजा की पत्नी वर्तमान में अलीगढ़ शहर से विधायक हैं.

भाजपा पूर्व विधायक के करीबी सुबोध स्वीटी ने बताया कि उनकी तबीयत पिछले काफी समय से खराब चल रही थी. वह दिल्ली एम्स में चेकअप कराने के लिए जाने वाले थे. लेकिन एम्स जाने से पहले ही शनिवार सुबह करीब 3 बजे ब्रेन हेमरेज हो जाने से उनका आकस्मिक निधन हो गया. उन्होंने बारहद्वारी स्थित अपने निवास पर आखिरी सांस ली. पूर्व विधायक के निधन की खबर मिलते ही, भाजपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई. तमाम जनप्रतिनिधि, पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ता उनके आवास पर पहुंच गए.

पूर्व भाजपा विधायक के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर लिख कि 'अलीगढ़ सदर से पूर्व विधायक श्री संजीव राजा जी का निधन अत्यंत दुःखद है. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहने की शक्ति दें. ॐ शांति!'

शिक्षक विधायक मानवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि पूर्व विधायक संजीव राजा ने 1984 से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से छात्र राजनीति की शुरुआत की थी. इसके बाद वह भाजपा में युवा मोर्चा के महामंत्री बने थे. राम मंदिर आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई. जिले में महानगर अध्यक्ष सहित संगठन के कई पदों पर रहे.

शिक्षक विधायक मानवेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार, 2017 में अलीगढ़ शहर विधानसभा सीट से विधायक बने थे. 5 साल तक विधायक रहने के बाद दोबारा वह चुनाव नहीं लड़ सके. एमपी एमएलए कोर्ट ने उन्हें 22 साल पुराने मुकदमे में 2 साल की सजा सुनाई थी. इसके चलते उन्होंने अपनी पत्नी मुक्ता राजा को चुनाव लड़वाया था. वहीं, भाजपा संगठन ने भी संजीव राजा पर भरोसा जताते हुए उनकी पत्नी को प्रत्याशी बनाया. उसके बाद मुक्ता राजा ने अलीगढ़ शहर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की.

संजीव राजा के परिवार में अब उनकी पत्नी और एक बेटा है. संजीव राजा वैश्य समाज से आते थे. 2017 में चुनाव जीतने के बाद यूपी में वैश्य राजनीति में उनका कद बढ़ गया था. वहीं, अलीगढ़ में दंगों के दौरान पुलिस प्रशासन के निशाने पर रहते थे. संजीव राजा के खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज थे. उन्होंने कल्याण सिंह के साथ सक्रिय राजनीति में भूमिका निभाई थी.

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