अलीगढ़:जिले के किसान धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिए जाने की मांग को लेकर सोमवार को कलेक्ट्रेट में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. किसानों का कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद हो. साथ ही मक्का और बाजरा के सरकारी क्रय केंद्र बनाए जाएं. किसान औने-पौने दाम में अपनी फसल बेचने को मजबूर हैं. किसानों ने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के दावे कर रही है. वहीं किसान तमाम समस्याओं से घिरे हैं. अलीगढ़ में किसानों को बिजली पूरी नहीं मिल रही है. नहर की सफाई भी नहीं हुई है. किसान सम्मान निधि भी किसानों को नहीं मिल पा रही है. गन्ना किसानों का भुगतान भी बकाया है. उन्होंने कहा कि इन्हीं सब समस्याओं को लेकर किसान प्रदर्शन को मजबूर हैं.
किसानों ने कहा कि सरकार आय दोगुनी तो नहीं कर रही है. बल्कि परेशानियां दोगुनी जरूर दे रही है. उन्होंने बताया कि खाद और पेस्टिसाइड की कीमत बढ़ रही है, लेकिन किसान को फसल का उचित मूल्य नहीं दिया जा रहा है. सरकार केवल उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है. उद्योगपति अगर स्टॉक करेगा तो यह उसकी मोनोपोली होगी. किसानों के पास पूंजी है नहीं इसलिए वह अपनी फसल औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं.
किसानों को धोखा दे रही सरकार
प्रदर्शन कर रहे किसानों पर सरकार पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि गन्ना का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है. सरकार इस दिशा में कोई सुध नहीं ले रही है. किसानों के केसीसी पर कोई छूट नहीं है और बड़े उद्योगपतियों का ऋण माफ किया जाता है. किसानों को गुमराह किया जा रहा है. सरकार किसानों की जमीन को उद्योगपतियों के हाथों में पहुंचाने का काम कर रही है. सरकार की कथनी करनी में बड़ा अंतर आ गया है.
बाजार-मक्का के क्रय केंद्र नहीं खुले
किसान नेता विमल तोमर ने बताया कि सरकार कहती है कि यूपी के किसान अपनी फसल लेकर हरियाणा, पंजाब बेच सकते हैं. लेकिन उसकी फसल को बॉर्डर पर ही रोक लिया जाता है. उन्होंने बताया कि समर्थन मूल्य के नाम पर किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब सरकार ने 1850 रुपये धान का समर्थन मूल्य तय कर रखा है तो किसान एक हजार रुपये में अपने धान बेचने के लिए क्यों मजबूर हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने घोषणा की कि बाजरा और मक्का का सरकारी क्रय केंद्र खोल दिया गया है, लेकिन अलीगढ़ में किसानों ने बताया कि एक भी सरकारी क्रय केंद्र बाजरा और मक्के का नहीं है. भारतीय किसान यूनियन के नेता रामपाल शर्मा ने बताया कि जब तक गन्ने का भुगतान और मक्का और बाजरा का सरकारी क्रय केंद्र नहीं खुल जाता, तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.