अलीगढ़: थाना गोंडा क्षेत्र स्थित नगला बिरखू गांव में रविवार की सुबह एक किसान ने पुरानी रंजिश में अपने पड़ोसी युवक की गढ़ासे से काटकर हत्या कर खुद को गोली से उड़ा लिया. आत्महत्या करने से पहले आरोपी किसान हीरालाल ने कापी पर नोट लिखा, जिसमें सुसाइड के कारण लिखे हैं. पत्र में किसान ने अपने दिल का दर्द बयां किया है. किसान ने पत्र में लिखा कि वह मानवाधिकार कार्यकर्ता है. इसलिए कानून पसंद है. किसान की आत्महत्या और युवक की हत्या के बाद लोगों के जेहन में बात आ रही है कि, ऐसी क्या बात हो गई कि मानवाधिकारी कार्यकर्ता को खून बहाना पड़ा? पत्र से आत्महत्या के कारणों को समझा जा सकता है कि किस कारण किसान को जानलेवा कदम उठाना पड़ा.
नगला बिरखू में हीरालाल आटा चक्की चलाने का काम करता था. 2019 में गांव के चंद्र पाल और उसकी पत्नी शशि से रास्ते में गाय और पशु बांधने को लेकर विवाद हुआ था. एक कापी में हीरालाल में रंजिश की कहानी बयां की है. हीरालाल गांव के मंदिर जाता था. उसी रास्ते में पशु बांधे जाने पर शशि को मना किया. इस पर विवाद बढ़ गया. हीरालाल ने पशु क्रूरता को लेकर पुलिस में शिकायत कर दी. वहीं, शशि ने छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए थाना गोंडा में मुकदमा दर्ज करा दिया. हीरालाल शांत हो गया और मामले में अपनी जमानत करवाई. छेड़छाड़ मामले में पुलिस हीरालाल को थाने ले आई और पिटाई भी की. थाना गोंडा के पुलिस कर्मी सुरेन्द्र ने पशु क्रूरता मामले में की गई शिकायत को लेकर फैसले के लिए हीरालाल पर दबाव बनाया. हीरालाल ने समझौता करने से इनकार कर दिया. इसके बाद गांव के ही विमलेश, उमेश, मनीष, लइमन और ब्रजेश आदि लोगों ने एक राय होकर घर में घुसकर हीरालाल की पिटाई कर दी. इस मामले की शिकायत को भी पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया. हीरालाल पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगाता रहा और न्याय के लिए भटकता रहा. हीरालाल ने पत्र में लिखा है कि मेरा सब्र टूट गया.