अलीगढ़: जिले में टीबी की बीमारी से ग्रसित संजय नाम के एक शख्स की लॉकडाउन के कारण इलाज न मिलने से मौत हो गई थी. मृतक संजय की दो बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा दिया तो वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं. मृतक संजय के घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण परिवार के सामने आगे की चुनौतियां हैं और परिवार के भरण-पोषण का सवाल है. ईटीवी भारत की रिपोर्ट के बाद प्रशासन पीड़ित परिवार के पास पहुंचा और उन्हें खाद्यान्न सामाग्री, 11 हजार रुपये और सरकारी आवास देकर आर्थिक मदद की.
इलाज न मिलने से हुई थी पीड़ित की मौत
दरअसल, मामला बन्ना देवी के नुमाइश मैदान के पास का है. यहां टीबी की बीमारी के चलते संजय नाम के एक शख्त की मौत हो गई थी. मृतक संजय टीबी की बीमारी से ग्रसित था. 'लॉकडाउन' के चलते संजय को टीबी का इलाज नहीं मिल पाया. मृतक संजय की पांच बेटियां हैं. वह चाय बेचकर परिवार का भरण-पोषण करता था. वहीं संजय की मौत के बाद बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा देकर बेटों का फर्ज निभाया था.
बेटियों के कंधे पर आई परिवार की जिम्मेदारी
मृतक संजय की पांच बेटियां काजल, राधा, मौनी, प्रियांशी और ज्योति हैं. इनमें से संजय ने केवल एक बेटी काजल का ब्याह किया था. सिर से पिता का साया उठने के बाद अब परिवार की जिम्मेदारी इन्हीं बेटियों के कंधे पर आ गई है. संजय के जाने के बाद परिवार के भरण-पोषण का सहारा एक चाय की दुकान पर भी ताला लग गया है. संजय की पत्नी अंजू के सामने बेटियां के भविष्य की चिंता है. घर की सारी जिम्मेदारी अंजू और इन बेटियों पर आ गई है.