अलीगढ़: जिले के चंडौस ब्लॉक के नगला ब्राह्मण गांव (nagla brahmin village) के लोग आजादी के 74 साल बाद भी बिजली के लिए तरस रहे हैं. गांव में विद्युतीकरण न होने से ग्रामीण परेशान हैं. जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर ग्रामसभा जहराना से नगला ब्राह्मण गांव की दूरी मात्र एक किलोमीटर है, लेकिन आजादी के इतने साल के बाद भी बिजली विभाग के अधिकारी 1 किलोमीटर की दूरी नहीं तय कर पाए हैं. केंद्र में मोदी सरकार (modi govt) को भी 7 वर्ष हो गये हैं. केन्द्र सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण (electrification) की घोषणा भी कर दी गई है. गांव वालों ने इसके लिए कितनी ही बार सरकारी विभागों के चक्कर लगाए, लेकिन बिजली से यह गांव अछूता रह गया. बिजली न होने पर गांव के कई परिवार दूसरे कस्बों और शहरों का रुख भी कर चुके हैं.
सांसद और अधिकारियों से लगा चुकें हैं गुहार
नगला ब्राह्मण गांव (nagla brahmin village) की आबादी 250 है. यहां लगभग 22 परिवार निवास करते हैं. बिजली ने होने से बच्चों की पढ़ाई में समस्या आती है. कोरोना काल में शिक्षा डिजिटल तरीके से दी जा रही है, लेकिन जब गांव में बिजली ही नहीं है तो छात्र पढ़ाई कैसे करें. लिहाजा गांव के बच्चे चिराग या लालटेन की रोशनी में पढाई करने को मजबूर हैं.
ट्यूबवेल पर जाकर करते हैं मोबाइल चार्ज
गांव के बुजुर्ग कहते है कि अब हर जगह बिजली की सुविधा मिल रही है. हमारे गांव में भी बिजली मिलनी चाहिए. भीषण गर्मी में जहां बच्चे परेशान होते हैं वहीं गांव के लोगों को बाहर पेड़ के नीचे दिन गुजारना पड़ता है. मोबाइल रखना भी गांव वालों के लिए समस्या बन गया है. लोगों को मोबाइल चार्ज करने के लिए गांव के बाहर ट्यूबवेल पर जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव के विद्युतीकरण के लिए कई बार अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम और बिजली अधिकारियों से गुहार भी लगाई जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई प्रयास सफल नहीं हुआ है. बिजली न होने पर गांव के कई परिवार दूसरे कस्बों और शहरों का रुख भी कर चुके हैं.