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अलीगढ़ में चार करोड़ की अवैध दवाइयां जब्त, किराए के मकान में चल रहा था अवैध व्यापार

अलीगढ़ में दवाइयों का अवैध व्यापार करने वाले व्यापारियों के यहां औषधि विभाग ने छापेमारी की. इस दौरान 4 करोड़ रुपये की अवैध दवाइयां बरामद हुई. 15 दवाइयों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं.

औषधि विभाग की छापेमारी
औषधि विभाग की छापेमारी

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Published : Sep 25, 2022, 8:51 AM IST

अलीगढ़:जिले में दवाइयों का अवैध कारोबार करने वाले व्यापारियों को सबक सिखाने के उद्देश्य से औषधि विभाग छापेमारी कर रहा है. शनिवार देर रात फफाला मार्केट में टीम ने छापामारी की. करीब 4 करोड़ रुपये की अवैध दवाओं का जखीरा ड्रग विभाग ने सील किया. 600 प्रकार की अवैध दवाओं का जखीरा मिला. वहीं, 15 दवाओं के सैम्पल जांच के लिए लैब भेज गए. मुकेश नाम का शख्स दवाइयों का अवैध कारोबार कर रहा था.

दरअसल, बन्नादेवी थाना क्षेत्र के अंतर्गत फफाला दवाइयों का बाजार है. यह बाजार जिले की दवाइयों का थोक बाजार भी है. यहां बहुत सी दवाइयां नामी कंपनियों द्वारा जिले में सप्लाई की जाती हैं. इस बाजार से प्रतिदिन करोड़ों का व्यापार दवाइयों की सप्लाई का किया जाता है. यहां आस-पास के जिलों से भी दवा व्यापारी दवाइयां खरीदने आते हैं. बताया जाता है कि इस बाजार से प्राइड फॉर्मा नामक एजेंसी के मालिक, मुकेश कश्यप दवाइयों का व्यापार करते हैं. जानकारी के मुताबिक, मुकेश कश्यप अपनी एजेंसी से दवाइयों का अवैध कारोबार भी किया करते हैं. इसकी सूचना जब ड्रग्स अधिकारी को हुई तो उन्होंने अपने संबंधित विभाग को इसकी सूचना दी. इसके बाद लखनऊ से एक टीम गठित की गई. इसमें पड़ोसी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर भी शामिल हुए. तीन दिन से यह कार्रवाई जारी है.

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ड्रग अधिकारियों ने इसकी सूचना जिला प्रशासन और शासन को भी दे दी है. ड्रग अधिकारियों ने एक कमेटी गठित कर मुकेश कश्यप के गोदाम पर छापेमारी की. छापेमारी पिछले 3 दिनों से लगातार चल रही है. ज्वाइंट कमिश्नर पूरनचंद ने बताया कि मुकेश कुमार एक गोदाम से दवाइयों का अवैध व्यापार करते हैं. इसकी सूचना हमें पहले मिल चुकी थी. उसी के आधार पर इनके गोदाम पर छापेमारी की गई. इनके गोदाम में 600 प्रकार की दवाइयां मिली हैं. इसकी कीमत चार करोड़ के आसपास है. 15 औषधियों की सैंपलिंग जांच के लिए लखनऊ भेजी गई है. लगभग जांच पूरी हो चुकी है. जिस गोदाम से दवाइयों की सप्लाई कर रहे थे, वह किराए पर ले रखा है. इसमें करीब 5-6 कमरे हैं. ड्रग इस्पेक्टर हेमेंद्र चौधरी ने बताया कि दवाइयों की सप्लाई बिना लाइसेंस के की जा रही थी. ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि लगातार तीन दिन से चल रही कार्यवाही आज पूरी हो जाएगी. जो भी आंकलन आएगा उसके अनुसार शासन और प्रशासन को रिपोर्ट भेज दी जाएगी.

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